उत्तराखण्डदेहरादून

कैंट बोर्ड को इन लोगों ने दे दी खुली चुनौती, रोक सको तो रोक लो

नोटिस भेजने के बाद कैंट अधिकारी को चुनौती देते हुए बना दी अवैध निर्माण

देहरादून, जन केसरी। कैंट बोर्ड देहरादून के अधिकारियों को कुछ लोगों ने खुली चुनौती दे दी है। ये लोग कोई बाहर के नहीं है। बल्कि कैंट के प्रतिबंधित क्षेत्र केहरी गांव के हैं। कैंट बोर्ड ने इस क्षेत्र के लोगों को कुछ माह पहले अवैध निर्माण पर नोटिस जारी करते हुए जबाव मांगा था। जबाव के बदले में इन लोगों ने आधा अधूरा अवैध निर्माण को पूरा निर्माण करते हुए जबाव दे दिया है।

जीआरडी की ये बिल्डिंग है। पहले और नोटिस भेजने के बाद का अंतर देख सकते हैं।
जीआरडी की ये बिल्डिंग है। पहले और नोटिस भेजने के बाद का अंतर देख सकते हैं।

वर्तमान में प्रतिबंधित क्षेत्र केहरी गांव में एक दर्जन से ज्यादा लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं। बातचीत के दौरान ज्यादातर लोगों ने कहा कि नोटिस का क्या। नोटिस तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए आता है। उन्होंने कहा कि अगर कैंट बोर्ड के अधिकारी इतना ही ईमानदार और अच्छे तरीके से काम करने वाले होते तो आज इस क्षेत्र में दर्जनों अवैध निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ होता। जब औरों ने बिल्डिंग बना ली है तो हमें क्यों नहीं बना सकते हैं। अगर किसी अधिकारी को कार्रवाई करनी है तो सबसे पहले जिनको नोटिस भेजा है उनपर कर के दिखाये।
नोटिस भेजने का खेल समझ से परे
प्रतिबंधित क्षेत्र केहरी गांव में अवैध निर्माण करने वालों को कैंट बोर्ड समय समय पर नोटिस भेजता रहता है। लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं होती है। तत्कालीन सीईओ तनु जैन और वर्तमान सीईओ अभिनव सिंह के निर्देश पर नोटिस भेजा गया। लेकिन इसका फायदा सिर्फ इतना हुआ कि जिनके आधा अधूरे निर्माण थे उन्होंने पूरा निर्माण कर लिया। ऐसे में अवैध निर्माण करने वाले को नोटिस क्यों भेजा जाता है ये बात सभी लोग नहीं समझ सकते हैं।

मेन रोड पर ये शो रूम है। निर्माण के समय कैंट बोर्ड ने नोटिस भेजा था। अब ये पूरा शो रूम बनकर तैयार  है।
मेन रोड पर ये शो रूम है। निर्माण के समय कैंट बोर्ड ने नोटिस भेजा था। अब ये पूरा शो रूम बनकर तैयार है।

बाहर से सील उपर चल रहा है काम
प्रेमनगर में कालरा स्वीट शॉप की बिल्डिंग कैंट बोर्ड ने कुछ माह पहले सील किए थे। आरोप था कि इस बिल्डिंग में अवैध निर्माण हो रहा है। काफी हंगामे के बीच कैंट बोर्ड की टीम खानापूर्ति करते हुए वापस आ गई थी। वर्तमान में सील इस बिल्डिंग में उपर नीचे सभी जगह काम हो रहे हैं। इसके अलावा प्रेमनगर के पोस्ट ऑफिस के बाद भी कैंट बोर्ड की टीम अवैध निर्माण तोड़ने गई थी। अवैध निर्माण करने वाले ने कैंट बोर्ड कर्मचारियों का खूब विरोध किया था बाद में आत्मदाह की कोशिश की थी। इसमें भी कैंट बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की।

 

 

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