मौत के रूप में खड़ी हैं गढ़ी कैंट की ये इमारतें, राजनीति में कहीं जिंदा दफन ना हो जाए लोग
देहरादून। स्मार्ट कैंट से कदमताल कर रहे गढ़ी कैंट में मौत के 22 से ज्यादा खंडहर भी खड़े हैं। अपनी आयुसीमा के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके इन भवनों में अभी भी लोग रह रहे हैं। ऐसे में कब कौन सा जर्जर भवन भरभराकर जमींदोज हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। हालांकि कैंट बोर्ड ने पहली बार किसी मामले को लेकर गंभीर हुआ है। कैंट ने इन सभी गिरासू भवनों को गिराने का नोटिस जारी कर दिया है। लेकिन अब इन भवनों को तोड़ने में राजनीति शुरू हो गई है। ऐसे में किसी दिन कोई हादसा हुआ तो राजनीति के बीच कई लोग जिंदा दफन हो जाएंगे।
मानसून सीजन सिर पर है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इधर, गढ़ी में जिन भवनों को कैंट बोर्ड ने गिरासू भवन घोषित करते हुए नोटिस भेजा है यहां रह रहे लोग इसे खाली करने को तैयार नहीं है। कुछ लोग अपनी जान की परवाह करते हुए भवन खाली करने की सोच ही रहे थे कि इसमें भी राजनीति शुरू हो गई। गिरासू भवन के विरोध में ये लोग कैंट थाने तक जा पहुंचे थे। शुक्र है कि थानाध्यक्ष ने बड़ी की चतुराई से विरोध करने वालों को जिम्मेदारी लेने की बात कह डाली। सूत्र ने बताया कि सोमवार को कुछ लोग कैंट थाने में गिरासू भवन नहीं तोड़ा जाए इस संबंध में गुहार लगाने गए थे। हालांकि पुलिस वाले ने कहा कि वह भी नहीं चाहते हैं कि किसी परिवार को इस तरह से उजाड़ जाए। लेकिन कल के दिन कोई हादसा होता है तो कृपया आप लोगों में से कोई ये लिखकर दे दो कि इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। इधर, कैंट बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नियमानुसार नोटिस भेज दिया है। जर्जर भवन में रह रहे लोगों से जन केसरी भी अपील करता है कि अगर कोई विवाद है तो उसे निपटाते हुए खाली कर दें। क्योंकि जब जिंदगी ही नहीं रहेगी तो विवाद का क्या।
यहां कभी भी हो सकते हैं हादसे
डाकरा बाजार में कैंट बोर्ड की पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र कौर सोंधी की दुकान के बगल में एक गिरासू भवन है। जिसको अलग-अलग स्पोर्ट की मदद से खड़ा किया गया है। ये भवन कभी भी गिर सकता है। ऐसे में इस मकान में रह रहे लोगों से अपील है कि अगर कोई विवाद है तो उसे तत्काल निपटाते हुए खाली कर देनी चाहिए। क्योंकि जब जिंदगी ही नहीं रहेगी तो लालच किस बात की। ठीक इसी प्रकार गढ़ी चौक से पोस्ट ऑफिस की तरफ जाते हुए दाहिने हाथ में एक जर्जर भवन है। इस भवन पर बड़े-बड़े पेड़ उग गए हैं। इसमें भी शायद दो दुकानदारों का कब्जा है। इस भवन को देखने के बाद आप यही बोलेंगे कि ये कभी भी गिर सकता है। कैंट बोर्ड ने इस भवन को भी तोड़ने से संबंधित नोटिस भेजा है।
कुछ लोगों की राजनीति लगी है दांव पर
पिछले कुछ दिनों में गढ़ी कैंट में गजब की राजनीति हो रही है। कैंट बोर्ड द्वारा हटाये गए अतिक्रमण के समर्थन व विरोध में ये राजनीति हो रही है। दोनों पक्ष अपनी अपनी जीत बता रहा है। इन सब के बीच कुछ लोगों की राजनीति दांव पर लगी है।