जावड़ेकर ने कहा- कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति देश के लिए खतरनाक
एक तरफ जहां कई दलों मे मुस्लिम राजनीति को लेकर होड़ बरकरार है वहीं कांग्रेस अपने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के उस कथित बयान को लेकर कठघरे में खड़ी है जिसमें उन्होंने कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी करार दिया था। उर्दू अखबार इंकलाब में छपी इस खबर को कांग्रेस जहां खारिज कर रही है वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सांप्रदायिक पार्टी है और देश में बंटवारे की राजनीति करती है। जाहिर है कि भाजपा इसी बहाने राहुल की उस पूरी कवायद पर भी सवाल खड़ा करने से नहीं चूक रही जिससे तहत कांग्रेस नेता मंदिर मंदिर घूम रहे थे।
यूं तो दोनों दलों के बीच वार पलटवार दो दिनों से चल रहा है, अब भाजपा ने इतिहास की याद भी दिलानी शुरू कर दी। गौरतलब है कि एक दिन पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि भाजपा को इतिहास की याद नहीं है। सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह बाहर आएं और अपने बयान पर सफाई दें। यह याद भी दिला दिया कि देश के बंटवारे के इतिहास में कांग्रेस की भूमिका रही है।
वर्ष 1984 के सिख दंगे भी गवाही देते हैं कि कांग्रेस धर्म की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बंटवारे की विचारधारा रखती है। राहुल ने अल्पसंख्यकों के बीच जिस तरह कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी करार दिया वह भी इसी ओर संकेत करता है। अगर ऐसा नहीं है तो राहुल खुद आकर क्यों नहीं इसका खंडन करते हैं।
इसमे शक नहीं कांग्रेस कुएं और खाई के बीच फंसी दिख रही है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष ने भी मुसीबत बढ़ा दी है क्योंकि उन्होंने इंकलाब की खबरों का एक तरह से समर्थन किया। और कांग्रेस की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं भाजपा की ओर से लगातार सवाल खड़ा किया जा रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि राहुल गांधी जनेऊधारी बनते हैं और गुजरात और कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान खुद को ब्राह्मणों से जोड़ते हैं और चुनाव बाद पार्टी को मुसलमान से जोड़ देते हैं।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस से सवाल पूछ चुके हैं कि वह केवल मुस्लिम पुरुषों की पार्टी क्यों है, मुस्लिम महिलाओं की सुध क्यों नहीं लेती। तीन तलाक पर सरकार का साथ क्यों नहीं देती। जाहिर है कि कांग्रेस के लिए राजनीतिक मुसीबत बढ़ गई है।