25 CCTV कैमरों और ड्राेन की नजर के बीच लापता हुआ खूंखार बाघ
रामनगर। जिम कॉर्बेट पार्क से लगे मोहान में बाइक सवार युवक की जान लेने वाले खूंखार बाघ ने वन विभाग और पार्क प्रशासन के पसीने छुड़ा रखे हैं। 52 दिन से 40 कर्मचारी बाघ की तलाश में जुटे हैं लेकिन बाघ अब तक पकड़ में नहीं आया है। 25 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी की जा रही है। हाथी से गश्त और ड्रोन से चलाया सर्च अभियान भी सफल नहीं हो पाया है। खास बात यह है कि इन दिनों भी आबादी के आसपास दो खूंखार बाघ ग्रामीणों द्वारा देखे गए हैं, जिससे उनमें दहशत है। बीती 14 जुलाई की शाम छह बजे यूपी के दो युवक बाइक पर अल्मोड़ा से रामनगर की ओर आ रहे थे।
कॉर्बेट व रामनगर वन प्रभाग की सीमा पर मोहान के पास एक बाघ ने बाइक पर हमला कर दिया था। बाघ, बाइक पर पीछे बैठे युवक को खींचकर जंगल में ले गया और उसे मार दिया। उन्हीं दिनों क्षेत्र में एक और खूंखार बाघ का मूवमेंट देखा गया। इस पर वन विभाग ने दोनों बाघ को पकड़ने का निर्णय लिया। सोमवार को इस अभियान के 52 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक बाघ पकड़ में नहीं आए। पार्क के वाइल्ड लाइफ वार्डन दिनेश सिंह मंगला ने बताया कि पार्क के कर्मचारी नाइट विजन ड्रोन से बाघ पर नजर बनाए हुए हैं।
सबसे लंबा सर्च अभियान:यह कॉर्बेट में बाघ पकड़ने को अब तक का सबसे लंबा अभियान बताया जा रहा है। इससे पहले सावल्दे, चोरपानी आदि जगहों पर आदमखोर हो चुके बाघ को मारने में 49 दिन लगे थे।
बाइक सवारों पर हमला
जुलाई की घटना से पहले एक बाघ ने सर्पदुली रेंज में बाइक सवार पर हमला कर उसे मार डाला था। इसके कुछ ही दिन बाद बाइक सवार बीट वाचर पर भी हमला किया। हालांकि जिप्सी पर सवार पर्यटकों को देखकर बाघ भाग गया था।
पकड़ी गई बाघिन के शावक बताए जा रहे
पूर्व में पार्क प्रशासन ने एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया था। उसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। बताया जा रहा है कि अब जिन दो बाघों को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की जा रही है, वह पकड़ी गई बाघिन के शावक हैं।
बाघों को पकड़ने के लिए कर्मचारियों के साथ तीन डॉक्टरों की टीम भी काम कर रही है। बाघों को जल्द ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा।
डॉ. धीरज पांडे, डायरेक्टर कॉर्बेट नेशनल पार्क