क्राइम

बंटी और बबली के कारनामे सुनकर हो जाएंगे हैरान

बिहार के बबली-बंटी को आखिरकार एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। करोड़ों रुपए की ठगी कर फरार बिल्डर प्रभात कुमार रंजन उर्फ उदय सम्राट और उसकी पत्नी प्रिया मिश्रा को कोलकाता से गिरफ्तार करने के बाद पटना लाया गया। दोनों के खिलाफ राज्य के कई जिलों में धोखाधड़ी के जुड़े मामले दर्ज हैं। जिला पुलिस द्वारा दोनों को गिरफ्तार नहीं कर पाने के बाद एसटीएफ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

एसटीएफ के मुताबिक प्रभात रंजन और उसकी पत्नी प्रिया मिश्रा पाटलीग्राम बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर फर्म चलाते हैं। दानापुर के सगुना मोड़ के पास बीएन कॉम्पलेक्स में इनका ठिकाना था। प्रभात और प्रिया के खिलाफ पटना के शाहपुर, दानापुर, कोतवाली और शिवहर में मामले दर्ज हैं। इसके अलावा भी कई अन्य जगहों पर इनके खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़ी प्राथमिकी दर्ज की गई है। फ्लैट और जमीन देने के एवज में लोगों को झांसा देकर मोटी रकम ली गई, पर न तो फ्लैट दिया गया ना ही जमीन मिली।

बिल्डर के नाम पर ठगी कर बड़ा सम्राज्य खड़ाकर चुके प्रभात रंजन ने तीन शादियां कर रखी है। वह जहानाबाद के घोसी थानाक्षेत्र के बड़की बभनपुरा के चंद्रदेव यादव का पुत्र है। एक पत्नी को उसने छोड़ दिया है जबकि दो साथ हैं। ठगी के इस धंधे में दोनों पत्नियां भी साथ देती हैं। इनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। एसटीएफ की दबिश बढ़ने के बाद उसकी एक पत्नी हेमंती ने अदालत में सरेंडर कर दिया पर प्रभात और प्रिया गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदल रहे थे।

जालसाज प्रभात और उसकी पत्नी प्रिया को गिरफ्तार करने में जिला पुलिस के नाकाम रहने के बाद पटना उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एसटीएफ को प्रभात व अन्य की गिरफ्तारी का सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। जिसके बाद मई के आखिर से ही एसटीएफ की एक टीम इनके पीछे लगी थी।

एसटीएफ ने जब प्रभात और प्रिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश बढ़ाई तो दोनों लगातार अपना ठिकाना बदलने लगे। पटना से भागकर रांची पहुंचे। वहां से दोनों छत्तीसगढ़ होते हुए ओडिशा पहुंचे। करीब दस दिन पहले दोनों कोलकाता आए गए। एसटीएफ ने आखिरकार कोलकाता से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

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