उत्तराखण्डदेश-विदेश

बिपिन रावत ने स्वार्ड ऑफ ऑनर से शुरू किया था सेना का सफर

देहरादून। महेश्वर सिंह
जनरल बिपिन रावत के हुनर की जितनी सराहना की जाए, वो कम ही होगी। बिपिन रावत बचपन से पढ़ने लिखने में तेज तर्रार थे। देहरादून में बिपिन रावत को सेना का पहला मेडल मिला था। 16 दिसंबर 1978 में बिपिन रावत को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयनित किया गया। बिपिन रावत भारतीय सैन्य एकेडमी के बेस्ट कैडेट थे। उन्हें उस समय स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।
भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1932 में हुई थी। पहले बैच में 40 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल थे। पहले बैच 1934 में पासआउट हुआ था। भारतीय सैन्य अकादमी अब तक देश और दुनिया को 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर दे चुकी है। इसमें 2,500 विदेशी सैन्य अफसर भी शामिल हैं। इन सैन्य अफसरों में से एक थे जनरल बिपिन रावत। जिन्होंने देश की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इनकी काबिलियित की चर्चा विदेशों में भी होती है।
शनिवार को आईएमए में आना था रावत को
भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को जनरल बिपिन रावत को आना था। यहां के सभी स्टॉफ काफी उत्साहित थे। क्योंकि बिपिन रावत आईएमए के ही पूर्व छात्र थे। वे जैंटलमैन कैडेट्स को संबोधित करने वाले थे। इनका प्रोग्राम पहले से तय था। इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी थी। आईएमए से मिली जानकारी के अनुसार बिपिन रावत इससे पहले भी कई बार आईएमए आ चुके हैं। आईएमए से उनकी कई सारी यादें जुड़ी हुई है।
दून में आशियाना बनाने का सपना रह गया अधूरा
देहरादून में आशियाना बनाने का सपना बिपिन रावत का अधूरा रह गया। जानकारी के अनुसार बिपिन रावत दून के पौंधा में सिल्वर हाईट्स में आधे बीघा के करीब जमीन खरीदी थी। इस जमीन पर वे अपना आशियाना बनाने की योजना बनाई थी। रिटायर्डमेंट के बाद वे परिवार के साथ दून के शांति वादियों में रहना चाह रहे थे। जो कि अधूरा ही रह गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button