उत्तराखण्ड

हाईकोर्ट के आदेश से लक्सर समेत हरिद्वार जिले के भूमाफियों में खलबली

रुड़की। हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद से लक्सर समेत हरिद्वार जिले के भूमाफियों में खलबली मची हुई है। ये वो भूमाफियां हैं जिन्होंने कृषि भूमि को औने पौने दामों पर ग्रामीणों से लेकर प्लॉटिंग करते हुए महंगे दर पर बेच रहे हैं। सरकार ऐसे भूमाफियों पर नकेल कसने की योजना बना रही है। साथ ही ऐसे प्लाट को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।


हाईकोर्ट ने बिना भूमि उपयोग परिवर्तन किए निर्माण को चुनौती देती जनहित याचिका पर हाल ही में सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार से कृषि भूमि पर निर्माण पर रोक के संबंध में कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा है। साथ ही अवैध निर्माण पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। दो जनवरी को इस अगली सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी अतुल चौहान की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में लक्सर रोड पर नूनपुर के समीप एक परिवार की ओर से भूमि उपयोग बदले बिना 50 एकड़ कृषि भूमि पर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण की जानकारी कोर्ट को दी। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से सुनते हुए सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।


कृषि भूमि पर फैला रहे भूमाफियां प्लाटिंग का जाल
हरिद्वार जिले में खासकर लक्सर क्षेत्र में भूमाफियां कृषि भूमि को औने पौने दामों पर ग्रामीणों से खरीदते हुए प्लाटिंग का जाल बिछा रहे हैं। कृषि भूमि को कॉमर्शियल में परिवर्तित किए बिना अवैध रुप से इसको महंगे दर पर ग्राहकों को बेच रहे हैं। प्लाटिंग निर्माण के दौरान भारी अनियमिताएं बरती जा रही है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में जलभराव के साथ ही गंदगी फैलना दिन पर दिन समस्याएं बनती जा रही है। इससे ग्रामीणों में काफी रोष है।
कृषि भूमि पर तत्काल लगनी चाहिए रोक
स्थानीय जिम्मेदार लोगों ने कहा कि कृषि भूमि पर हो रहे प्लाटिंग पर सरकार को तत्काल रोक लगानी चाहिए। इसके साथ ही इन सभी प्लाटों की जांच की जाए। अनियमिताएं मिलने पर भूमाफियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि ये नजीर बन सके।

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