बिहार

210 घंटे से स्वामिश्री कर रहे हैं कठोर तपस्या

खबरीलाल रिपोर्ट ::- जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज काशी में मंन्दिरों को तोड़ दिए जाने को लेकर तथा देवविग्रहों को ध्वंश/ नष्ट/गायब किये जाने को लेकर विगत 210 घंटे से ऊपर पराक व्रत (उपवास) पर शंकराचार्य घाट, केदारघाट, वाराणसी में अपने कुटिया में तपस्या पर बैठे हैं। 14 जुलाई 2018 को पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आ रहे हैं जिस हेतु प्रशासन भी चौकस है साथ ही बिना विघ्न बाधा के पीएम साहब का कार्यक्रम निपट जाए इस हेतु प्रयत्नरत हैं। 

कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी अपने इस महत्त्वपूर्ण दौरे पर स्वामिश्री: के कठोर तप को देखते हुए यह घोषित कर सकते हैं कि काशी के मंन्दिरों व देव विग्रहों को उनके स्थान पर ही रखकर, बिना तोड़े अपने महत्तकांशी प्रोजेक्ट @गंगा पाथवे/कॉरिडोर को मूर्त रूप देंगे। साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि 2019 के आम चुनाव को देखते हुए वे सनातन धर्मियों को नाराज नहीं करेंगे क्यों कि काशी में मंदिर तोड़े जाने को लेकर देश भर से स्वामिश्री: के समर्थन में सनातन हिन्दू धर्म के लोग आवाज उठा रहे हैं । वाराणसी प्रशासन स्वामिश्री: के स्वास्थ पर नजर लगाकर रखे हैं साथ ही उनके सुरक्षा हेतु पुलिस भी तैनात किए हैं लेकिन वाराणसी के डीएम साहब इन 10 दिनों में एक बार भी स्वामिश्री: से मिलने और बात करने नहीं पहुंचे अपितु उन्होंने अपना प्रतिनिधि मंडल स्वामिश्री: से बात करने हेतु जरूर भेजे हैं।

स्वामिश्री: के साथ पराक व्रत (उपवास) में बहुत से काशी वासियों के साथ साथ छत्तीसगढ़ के लक्षेश्वर धाम के ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी महाराज, साध्वी पूर्णाम्बा, साध्वी शारदाम्बा, मयंक मिश्रा, सत्यम, कृष्णा परासर व आदि संत, अनुयायी उपवास पर बैठे हैं और सभी का कहना है की काशी का भरपूर विकास हो पर प्राचीन मंदिरों व देव मूर्तियों को तोड़े/ नष्ट किये बिना हो। यही प्राचीन मंदिर व देवता गण काशी का प्राण हैं जिसे देखने, पूजा करने देश एवं विदेश से श्रद्धालुगण आते हैं।

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