192 घंटे से पराक व्रत तपस्या कर रहे हैं स्वामिश्री:
खबरीलाल रिपोर्ट (काशी) : देव नगरी काशी में कथित मंदिर व देव मूर्तियों को तोड़े / गायब किये जाने को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विगत 8 दिनों से लगातार पराक व्रत (उपवास) के माध्यम से मंन्दिरों और देव विग्रहों को बचाने हेतु कठोर तपस्या कर रहे हैं। उनके साथ छत्तीसगढ़ के लक्षेश्वर धाम के ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद, साध्वी शारदाम्बा, साध्वी पूर्णाम्बा, मयंक शेखर मिश्रा, के.एस. अलमेलु, कृष्णा पराशर, राजकुमार शर्मा, ममता देवी, सुशीला बाई चौकसे, रीना सिंह, रिंकी सिंह व आदि काशी वासी भी पराक व्रत के माध्यम से तपस्या कर रहे हैं। इनके इस कठोर तपस्या को परम पिता परमेश्वर देख रहे हैं पर शासन / प्रशासन क्यों नहीं देख पा रहे हैं यह बहुत ही बड़ा सवाल उभर कर आ रहा है। यदि देख भी रहे हैं तो इस हेतु समाधान का रास्ता क्यों नहीं निकाला जा रहा है यह भी बहुत अहम सवाल है। देश के इतने बड़े सन्यासी की बातों को क्यों अनदेखा किया जा रहा है इस पर काशी वासी प्रश्न उठा रहे हैं। साध्वी पूर्णाम्बा ने कहा है कि एक सनातनी हिन्दू होने के नाते हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने आस्था के केन्द्र पर आघात न होने दें, पर सबमें वह सामर्थ्य नहीं होता लेकिन हम सब इतना तो कर ही सकते हैं कि जो इस धर्म कार्य में लगे हुए हैं उनके साथ हो लें, उनको अपना समर्थन दें। अपने सामने मन्दिरों को टूटते देखकर स्वामिश्रीः उसे बचाने हेतु विगत 3 माह से मंदिर बचाओ आन्दोलनम चला रहे हैं। आगे साध्वी जी ने कहा कि स्वामिश्री: और उनके साथ जो व्रत कर रहे हैं वे स्वयं पाप से बच जाएंगे लेकिन उनका क्या जो धर्म की रक्षा हेतु आगे नहीं आ रहे हैं। आगे उन्होंने सभी सनातन धर्मियों के उद्देश्य से कहा कि एकमात्र धर्म ही साथ जाता है, बाकी सब यहीं छूट जाता है।