शर्मनाक है प्रधानमंत्री का रवैया: आज़ाद अली
मीडिया को दिए गए अपने एक बयान में आज़ाद अली ने कहा कि सूबे में विधानसभा चुनाव के दौरान देश के चौकीदार ने उत्तराखण्ड की जनता से वायदा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर वे सरकार पर नजर रखने के साथ–साथ राज्य के लोगों का भी ख्याल रखेंगे किन्तु ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर मैं कोई बात नहीं करुँगा, क्योंकि वह तो केवल विपक्ष के लोग करते हैं। सत्ता में बैठे सारे लोेग गंगा जल की तरह पवित्र हैं, वैसे गंगा अब बहुत प्रदूषित हो गई है और यह सरकार भी मानती है।
आज़ाद अली ने कहा कि 15 अगस्त को देश को सम्बोधित करते हुए देश के प्रधान सेवक ने पिथौरागढ़ जिले के मालपा हादसे पर एक शब्द भी नहीं कहा। जिसमें तीन दर्जन से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है और उसमें भी एक दर्जन से अधिक हमारे देश के सैनिक हैं। वाकई ये बेहद शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि जब मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत पर पीएम का दिल नहीं पसीजा तो भूस्खलन में मारे गए लोगों पर भला वे क्या शोक जताते? यहां तक कि मासूमों की मौत पर उन्होंने कोई “ट्वीट” नहीं किया जबकि नवाज़ शरीफ की मां की तबीयत खराब होने पर मोदी ने तुरंत ट्वीट कर अपनी संवेदना जताई थी। आज़ाद अली ने कहा कि मोदी लालकिले से एक दर्जन सैनिकों के शहीदों होने पर श्रद्धांजलि दे सकते थे मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसा प्रतीत होता है कि मानों उन्हें मालपा हादसे के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
आज़ाद अली ने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बारे में मोदी या उनके कार्यालय को कुछ बताना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री खराब मौसम का हवाला देकर आपदा पर्यटन कर आये। ऐसा लगता है कि जैसे आपकी पार्टी के एक दूसरे मुख्यमंत्री योगी को मासूम बच्चों की मौत पर कोई अफसोस नहीं होता और वह उसे सामान्य घटना करार देते हैं, ठीक वैसा ही कुछ आपकी पार्टी के त्रिवेन्द्र रावत भी महसूस करते हैं, क्योंकि वे जब मालपा हादसे के मुआयने के लिए शराब मंत्री प्रकाश पंत के साथ हेलीकॉप्टर में उड़ रहे थे तो शराब मंत्री को हवाई उड़ान में अपने सीएम की भूख की चिंता भी थी, तभी वे कुरकुरे और चिप्स के पैकेटों का थैला लेकर साथ में चल रहे थे और सीएम को खिला भी रहे थे।
आज़ाद अली ने कहा कि बेहद अफसोस की बात है कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री आपदा को भी पर्यटन के रुप में ले रहे हैं। बहुत बढ़िया नजर है मोदी जी आपकी अपनी पार्टी की सरकार पर ! उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। साल 2013 में उत्तराखण्ड में भीषण आपदा के दौरान मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा भी ऐसा कर चुके हैं। वे अब भाजपा की शान हैं। लगता है शायद आपदा को पर्यटन समझने के कारण उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने पीएम को कुछ नहीं बताया होगा और ठीक वैसा ही आपकी उस टीम ने भी किया जो आपको देश और दुनिया की मिनट दर मिनट की खबर देती है।
आज़ाद अली ने कहा कि कारण जो भी रहा हो पर मालपा हादसे पर प्रधानमंत्री का दो शब्द न बोलना और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि न देने से आपकी पार्टी के नेता आहत हों न हों पर उत्तराखण्ड की जनता बहुत दुःखी है। ऐसा करके पीएम ने अपना व अपनी पार्टी का असली चेहरा जनता के सामने रखा है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि ऐसा प्रधानमंत्री किसी देश का न हो।