स्वरूपनान्द सरस्वती ही हैं ज्योतिष पीठ के शंकाराचार्य : सुप्रीम कोर्ट
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय अरुण मिश्रा और विनीत शरण के पीठ ने 4 अक्टूबर 2018 को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पर बहुत बड़ा फैसला सुनाया है जिससे स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती को बड़ा झटका लगा है। माननीय न्यायाधीशों ने अपने जजमेंट में कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं साथ ही साथ वे द्वारका शारदा पीठ के भी निर्विवाद शंकराचार्य बने रहेंगे। माननीय न्यायधीशों ने उत्तरप्रदेश शासन को निर्देश दिया कि आगामी माघ माह के कुम्भ मेले हेतु ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य को भी अलग से जमीन उपलब्ध करवाया जाए जैसे द्वारका शारदा पीठ के लिए उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती यदि आगामी कुम्भ के लिए जमीन मांगे तो उस पर शासन विचार कर दे सकते हैं पर शंकराचार्य के रूप में नहीं दे सकते।
उक्त जजमेंट आने के बाद द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के लाखों शिष्य ने जश्न मनाते हुए कहा कि आखिर में सच्चाई की जीत हुई है। शंकराचार्य महाराज के शिष्य प्रतिनिधि व क्रांतिकारी संत दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने बताया कि दिनांक 7 अक्टूबर 2018 को सायं को काशी के केदारघाट में भक्त करेंगे गंगा पूजन और समूचे भारत मे उनके द्वारा स्थापित राजराजेश्वरी मंदिर, मठ, आश्रम में विद्यार्थी, शिष्य एवं भक्त एक साथ पूजा करेंगे और खुशियाँ मनाएंगे। द्वारका शारदा पीठ के मंत्री तथा शिष्य प्रतिनिधि दंडी स्वामी सदानन्द जी सरस्वती भी द्वारकाधीश की विशेष पूजन करेंगे और शिष्ययों एवं भक्तों के साथ द्वारका पीठ में खुशियाँ मनाया जाएगा। शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रमुख व छत्तीसगढ़ के प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानन्द जी महाराज 7 अक्टूबर को भगवती राजराजेश्वरी का विशेष पूजन, अर्चन और महाआरती करेंगे जिसमे पूज्य शंकराचार्य महाराज के शिष्य एवं भक्तगण उपस्थित रहेंगे।