भाजपा व कांग्रेस दोनों की एक जैसी स्थिति
हल्द्वानी : राजनीति के लिए कुछ भी मुमकिन है। ऐसे में जब चुनाव नजदीक हों तो आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर पहुंचना स्वाभाविक है। पिछले कुछ समय से राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। दोनों दलों की बूथ स्तर की बैठकें हों या फिर राज्य व राष्ट्रीय स्तर की। इनमें अपने विजन व अहम मुद्दों से ज्यादा दूसरे दलों की कमियां गिनाने व आरोप लगाने पर जोर है। यही कारण है कि चुनाव में विजय हासिल करने की इस रणनीति में आमजन के सामने अहम मुद्दे गौण होते जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं का कांग्रेस पर सीधा आरोप रहता है कि कांग्रेस अनर्गल आरोपों की राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए भ्रष्टाचार किए। परियोजनाएं लटकाई। इनसे आम जन त्रस्त रहा। राज्य स्तर के आयोजन में भी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं में गांधी परिवार पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हमला होता रहता है। सवाल-जवाब के तौर पर भी इन्हीं बातों को दोहराया जाना सामान्य बात हो गई है। वहीं, कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप में कहीं भी पीछे नहीं रहती है। विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास पर भी सत्तापक्ष भाजपा पर आरोप मढऩे लगती है। सत्ता विरोधी लहर बनाने की हरसंभव कोशिश करती दिख रही है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने छोटे से बड़े आयोजनों में भाजपा पर तमाम तरह के आरोप लगाने पर फोकस किया। यानी कि दोनों दलों का प्रचार अभियान एक दूसरे दल वनेताओं को कोसने में ही बीत रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी भी इससे अलग नहीं है। जानकारों का कहना है कि दोनों ऐसा इसलिए करते हैं कि जनता का ध्यान महत्वपूर्ण विषयों की तरफ से हट जाए।
ये है नेताओं का जवाब
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान कहते हैं, भाजपा कैडर बेस्ड पार्टी है। हमारी पार्टी दूसरे दलों पर आरोप लगाने में समय नहीं गंवाती है। राज्य से लेकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को ही जनता को बताया जाता है। इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बताया कि भाजपा ने चुनाव से पहले किए वादे पूरे नहीं किए। महंगाई, भ्रष्टाचार, पलायन जैसे मुद्दे आज भी वैसे ही हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। कांगेस अपने विजन को भी स्पष्ट रूप से रख रही है।