भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एकबार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि मैं अयोध्या गई थी और विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। इस पर मुझे गर्व है। ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था। मैं आगे भी अयोध्या जाऊंगी और वहां राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी। कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता है। राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम है।
इस बीच, निर्वाचन अयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसा विवादित बयान देने पर साध्वी प्रज्ञा को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस भेजा है। साध्वी को विवादित बयानों पर निर्वाचन अयोग की ओर से यह दूसरा नोटिस थमाया गया है। अयोध्या का विवादित ढांचा गिराए जाने को लेकर साध्वी प्रज्ञा का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा के सभी नेता सीधे तौर पर इसको लेकर कुछ भी कहने से बचते रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई हमले में शहीद हुई आइपीएस हेमंत करकरे को साध्वी ने देशद्रोही कहा था। बवाल मचा तो बोलीं-मेरे शब्दों से यदि दुश्मनों को फायदा होता है तो मैं बयान वापस लेती हूं। जिन्होंने मुझे पीड़ा दी, उनसे माफी मंगवाएंशहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान को लेकर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं इस मामले में माफी मांग चुकी हूं। अब उन लोगों से भी माफी मंगवाई जाए, जिन्होंने मुझे नौ साल तक पीड़ा दी।
धिक्कार है ऐसे राष्ट्रवाद पर, जो शहीद को देशद्रोही करार दे: सिंधिया
वहीं, शिवपुरी में नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर कहा कि यह भाजपा का असली चेहरा है। वह शहीद को देशद्रोही कह रहे हैं। ऐसे राष्ट्रवाद पर धिक्कार है, जो शहीद को देशद्रोही करार दे। ये कैसा राष्ट्रवाद है, जिसमें उन्होंने 30 साल तक अपने कार्यालय पर देश का झंडा नहीं फहराया? अफजल और मसूद अजहर को प्लेन में बैठाकर अफगानिस्तान तक छोड़ा।