आरबीआई बताएगा कर्ज चुकाने में कितने ईमानदार हैं आप

हम अपना क्रेडिट स्कोर जानने के लिए ट्रांस यूनियन सिबिल की मदद लेते हैं और कंपनियां भी इसी के जरिये तय करती हैं कि आपको कर्ज दिया जाए या नहीं। हालांकि अब आरबीआई खुद यह जिम्मेदारी संभालने की तैयारी कर रहा है, ताकि उपभोक्ताओं के वित्तीय लेनदेन के सही आंकड़े जुटाए जा सकें।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मध्यम वर्ग के बढ़ते आकार के कारण कर्ज की जरूरतें और इसका वितरण लगातार लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही खुदरा कर्ज में जोखिम भी लगातार बढ़ रहा है, इससे देश में सिबिल जैसे क्रेडिट ब्यूरो की साख पर भी सवाल उठे हैं। एचडीएफसी बैंक में जोखिम वाले ऋण के प्रमुख अरविंद कपिल का कहना है कि क्रेडिट ब्यूरो सूचना नहीं देते हैं, बल्कि यह आपको समय पर कर्ज भुगतान करने का सामाजिक दबाव और जागरूकता पैदा करते हैं।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई अपनी पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (पीसीआर) लांच करने वाला है। आरबीआई ने छह जून की मौद्रिक समीक्षा में ही चरणबद्ध तरीके से पीसीआर लांच करने के लिए वाईएम देवस्थली की अगुआई में एक समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है।
छोटे उपभोक्ताओं को फायदा होगा
आरबीएल बैंक में रिटेल समावेशन के प्रमुख अंशुल स्वामी ने कहा कि केंद्रीय रजिस्ट्री से टेलीकॉम, बीमा और अन्य सेवाओं के आंकड़े जुटाकर उन लोगों की भी क्रेडिट हिस्ट्री तैयार होगी, जिनका अभी तक कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे छोटे कर्जदारों या कंपनियों को फायदा होगा।
क्यों पड़ी जरूरत
क्रेडिट कार्ड बिल से होम लोन तक कर्ज भुगतान के विश्वसनीय आंकड़े मिलेंगे
पीसीआर से बैंकों को कर्जदारों की ऋण चुकाने का आकलन आसान होगा
जोखिम के आधार पर बैंक सही तरीके से ब्याज दर तय कर सकेंगे
कर्जदार की वित्तीय स्थिति के सही आकलन से एनपीए में कमी आएगी