उत्तराखण्ड
पूर्ति निरीक्षकों की लापरवाही से चांदी काट रहे राशन डीलर
देहरादून। क्लेमनटाउन पुलिस द्वारा देर रात कालाबाजारी के लिए ले जा रहे चावल के पकड़े गए 30 कट्टे परिसीमन क्षेत्र के एक राशन डीलर का था। इसका खुलासा शुक्रवार को प्राथमिक जांच पड़ताल के दौरान हुआ। हालांकि आरएफसी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार को जांच के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर विभाग अग्रिम कार्रवाई करेगा।
आरएफसी गढ़वाल चंद्र सिंह धर्मशक्तू ने कहा कि राशन कालाबाजारी की सूचना उन्हें शुक्रवार सुबह मिली। इस सूचना के तत्काल बाद उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम प्रभारी हरेंद्र रावत से बातचीत की। इसके बाद आरएफसी ने जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार को जांच के निर्देश दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक जांच पड़ताल में ये पता चला है कि परिसीमन क्षेत्र के एक राशन डीलर का ये राशन है। जो कि क्लेमनटाउन क्षेत्र में ही रहता है। राशन कालाबाजारी का कारोबार वे काफी समय से करते आ रहा है। इसके बारे में कुछ कर्मचारियों को पहले से पता था। बावजूद किसी ने उसके खिलाफ कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इधर, जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने कहा कि ये राशन किसके हैं, इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
सत्यापन के लिए मौके पर नहीं जाते पूर्ति निरीक्षक
गोदाम से राशन डीलरों को राशन कितना मिल रहा है। राशन डीलर गोदाम से राशन कब उठा रहा है तथा राशन को दुकान पर वितरण के लिए ले गया या नहीं। इसकी जांच पड़ताल व सत्यापन की जिम्मेदार पूर्ति निरीक्षकों के पास है। लेकिन पूर्ति निरीक्षकों द्वारा लापरवाही की जाती है। जिसका नतीजा है कि राशन डीलर खुलेआम राशन कालाबाजारी करते हैं। राशन कालाबाजारी रोकने की जिम्मेदारी जिलापूर्ति कार्यालय के पास है। लेकिन यहां के कर्मचारी फिल्ड में कम निकलते हैं। जिसका फायदा राशन डीलर उठाते हैं। राशन डीलरों को पता है कि पूर्ति निरीक्षकों का फिल्ड में आना बहुत कम होता है, ऐसे में वे राशन कालाबाजारी खुलेआम करते हैं।