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भारतीय सेना में बड़े बदलाव की तैयारी, 1.5 लाख सैनिकों की जा सकती है नौकरी

भारतीय सेना बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार सेना अगले चार से पांच सालों में 1,50,000 नौकरियों में कटौती कर सकती है। माना जा रहा है कि खर्च घटाने और नए एडवांस हथियार, उपकरणों की खरीद के लिए पैसा जुटाने के मकसद से यह कदम उठाया जा रहा है।

सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधु की अध्यक्षता में 11 सदस्यों के पैनल ने ये समीक्षा की है। इस समीक्षा के आदेश 21 जून को दिए गए थे। इस महीने के अंत तक सेना प्रमुख बिपिन रावत के सामने इसे प्रस्तुत किया जाएगा। सेना के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार भविष्य में कुछ यूनिट को एक साथ कर दिया जाएगा जिससे कि आने वाले दो वर्षों में 50,000 सैनिकों की भूमिका खत्म हो जाएगी।

लॉजिस्टिक यूनिट, कम्यूनिकेशन, मरम्मत और दूसरे प्रशासन और सपोर्ट के क्षेत्रों में करीब 50 हजार से ज्यादा सैनिक और अधिकारी ऐसे हैं, जिन पर बहुत कम काम की जिम्मेदारी है। ऐसे में सेना में छंटनी सिर्फ कनिष्ठ स्तर पर नहीं बल्कि सेना मुख्यालय में बैठे निदेशक स्तर से की जाएगी। इसके अगले चरण में 2023 तक एक लाख और लोगों की छंटनी का प्रस्ताव है। हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विभिन्न इकाइयों में सब कुछ बहुत धुंधला हो चुका है। इसकी वजह से एक ही स्तर पर या काम के लिए कई-कई लोग मौजूद हैं। अब समय आ गया है कि इकाइयों में जांच की जाए और अगर जरूरत हुई तो इन्हें जोड़ा भी जाएगा जिससे सेना के खर्चों में बड़े स्तर पर कटौती भी संभव है। बता दें कि अगस्त 2017 में सरकार ने आर्मी में एक बड़े बदलाव की घोषणा की थी साथ ही 57,000 सैनिकों को फिर से बहाल करने की बात कही थी।

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