गढ़ी कैंट में मची खलबली, 95 प्रतिशत लोगों ने खूद हटा लिया अतिक्रमण
देहरादून। सिंचाई विभाग की जमीन पर सालों से अवैध कब्जा कर कारोबार कर रहे लोगों में सोमवार तड़के से खलबली मची रही। लोग जल्दी जल्दी अतिक्रमण हटाने में जुटे रहे। इस दौरान कुछ लोगों में आपसी विवाद भी हो गया। सुबह आठ बजे तक 95 प्रतिशत लोगों ने खूद ही अतिक्रमण हटा लिया था।
कैंट बोर्ड ने गढ़ी क्षेत्र में अवैध कब्जा कर कारोबार करने वालों को शनिवार को चिन्हित करते हुए लाल निशान लगाए थे। साथ ही सभी को रविवार तक खूद अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया था। सोमवार को कैंट बोर्ड ने इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया था। इस बीच, सोमवार तड़के गढ़ी में अतिक्रमण करने वालों में खलबली मच गई। तड़के से लोग अतिक्रमण हटाने में जुट गए थ। गढ़ी कैंट चौक से लेकर शिवमूर्ति चौक तक करीब 500 से ज्यादा स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण था। इनमें से ज्यादातर लोगों ने खूद ही अतिक्रमण हटा लिया है। अभीतक जिन लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया है कैंट बोर्ड दस बजे से पुलिस की मदद से इनके खिलाफ अभियान चलायेगा।
अतिक्रमण हटाने के साथ ही हो रही है सफाई
एक ओर लोग अतिक्रमण हटाने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कैंट बोर्ड की सफाई करने वाली टीम सफाई करने में जुटी हुई है। जैसे जैसे लोग अतिक्रमण हटा रहे हैं वैसे ही कैंट बोर्ड की टीम सफाई करते हुए जगह को बेहतर बनाते जा रही है। कैंट के सेनेटरी इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम सुबह से यहां डटी हुई है।
जन केसरी के खबर पर लगी मुहर
जन केसरी न्यूट पोर्टल ने कुछ दिन पहले ही कैंट क्षेत्रवासियों को बता दिया था कि सिंचाई विभाग अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने की तैयारी कर रहा है। जैसे ही विभाग के लोग गढ़ी पहुंचे तो पता चला कि ये लोग कैंट बोर्ड को तहबाजारी शुल्क देते हैं। ऐसे में विभाग ने कैंट बोर्ड को तलब किया। सिंचाई विभाग ने सख्त अंदाज में कैंट बोर्ड को निर्देश दिया कि तहबाजारी शुल्क आप वसूल रहे हैं ऐसे में उनकी जमीन से अवैध अतिक्रमण आप ही हटवायेंगे। इसके बाद कैंट बोर्ड हरकत में आया था।
कंगाल कैंट बोर्ड को एक और झटका
कैंट बोर्ड सालों से बजट को लेकर रोते आ रहा है। स्थिति ये है कि कर्मचारियों को समय से वेतन देने तक के बजट नहीं होता है कैंट बोर्ड के पास। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में अतिक्रमण हट जाने से कैंट बोर्ड को तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि इन लोगों से कैंट बोर्ड तहबाजारी शुल्क वसूलता था। अब शुल्क नहीं वसूलने से बजट गड़बड़ाएगा।