देहरादून। कैंट के कोविड अस्पताल को पीपीई मोड पर दिए जाने के बाद चल रहे विवाद पर कैंट बोर्ड प्रशासन ने विराम लगा दी है। छावनी परिषद का जनरल अस्पताल पहले की तरह अब भी संचालित होगा। अब इस अस्पताल को कैंट बोर्ड कार्यालय परिसर में संचालित स्वाभिमान केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया है। यानि कैंट अस्पताल अब स्वाभिमान केंद्र में संचालित होगा। जहां गरीब उपचार करा सकेंगे।
कैंट के कोविड अस्पताल को एक निजी कंपनी को दिए जाने के बाद से इसका विरोध शुरू हुआ था। जनप्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो यहां कार्यरत कर्मचारियों ने निजी कंपनी के साथ मर्ज करने पर वे विरोध कर रहे थे। कर्मचारियों का कहना था कि वे नियमित कर्मचारी हैं। किसी निजी कंपनी के अंडर काम नहीं कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से इस अस्पताल को निजी कंपनी को दिए जाने का विरोध चल रहा है। इधर, एक दिन पहले इस समस्या का समधान निकालने में कैंट सीईओ कामयाब हुए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की और इस समस्या पर चर्चा की। बैठक में ये निर्णय लिया गया कि पहले से संचालित कैंट अस्पताल को स्वाभिमान केंद्र में शिफ्ट किया जाएगा। जहां पूर्व की भांति ओपीडी चलेगी। इसके अलावा गेस्ट हाउस को भी निजी कंपनी को नहीं दिए जाने पर सहमति बनी।
तनु जैन ने की जल्दीबाजी: सीईओ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि तत्कालीन सीईओ तनु जैन ने अस्पताल को पीपीई मोड पर देने में जल्दीबाजी की। जिसके चलते कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि एमओयू करने में कभी भी किसी तरह की जल्दीबाजी नहीं करनी चाहिए। जल्दीबाजी का नतीजा है कि लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
गुरुवार से स्वाभिमान केंद्र में ओपीडी शुरु
गुरुवार से स्वाभिमान केंद्र में ओपीडी भी शुरू कर दी गई है। हालांकि यहां कोई व्यवस्था नहीं है। मजबूरी में अस्पताल के स्टॉफ मरीजों का उपचार कर रहे हैं। मरीजों के बैठने तक की यहां व्यवस्था नहीं है। सोमवार पूरे दिन अस्पताल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया में कर्मचारी जुटे रहे।
बैकफुट पर रहना चाहते हैं विनोद पंवार
अस्पताल को शिफ्ट करने की जो बैठक हुई उसमे नामित सदस्य विनोद पंवार भी उपस्थित रहे। उनकी ही मौजूदगी में ये निर्णय लिया गया। लेकिन विनोद पंवार से फोन कर इस संबंध में जब जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्हें सीधे तौर पर अस्पताल स्वाभिमान केंद्र में शिफ्ट हो रहा है से इंकार कर दिया। ऐसे में अनुमान ये लगाया जा रहा है कि वे बैकफुट से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। ताकि कल के दिन इसका विरोध शुरू होता है तो वे अपनी छवि धूमिल होने से बचा सके।
तो झुनझुना से मरीजों का उपचार करेंगे डॉक्टर
स्वाभिमान केंद्र में कैंट अस्पताल की ओपीडी शुरू हो गई है। लेकिन यहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के स्टॉफ से बातचीत में पता चला कि जिस निजी कंपनी से कैंट ने एग्रीमेंट किया है उसने जांच से संबंधित सभी तरह के उपकरण देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में जब जांच की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो झुनझुना खिलौना से मरीजों का उपचार डॉक्टर करेंगे क्या।