याद्दाश्त नहीं दे रही साथ, तो एक चम्मच चीनी करेगी मदद
अक्सर कहा जाता है कि अधिक उम्र में याद्दाश्त साथ नहीं देती है। एक शोध में कहा गया है कि दिमाग के पास इस्तेमाल करने के लिए जब ज्यादा ऊर्जा होगी तो वह अधिक सक्रियता से काम करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि 65 साल से अधिक उम्र के लोग की याद्दाश्त भी काफी अच्छी हो सकती है।
ब्रिटेन की यूनीवर्सिटी ऑफ वारविक में हुए अध्ययन में कहा गया है कि याद रखने की ताकत बढ़ाने में एक चम्मच चीनी मददगार हो सकती है। इससे लोगों को मूड सुधरता है और दिमाग अधिक ताजगी के साथ काम करने लगता है। उम्र चाहे कितनी भी हो, मीठा ड्रिंक पीने के बाद लोग पहले से ज्यादा ऊर्जावान, खुश और अच्छी याद्दाश्त का अनुभव करते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि एक चम्मच चीनी के बराबर मीठा खाने से उनका आत्म विश्वास बढ़ता है, जिससे व्यक्ति दिमागी रूप से मजबूत होता है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि इस अध्ययन से अधिक उम्र में खानपान के तौर-तरीकों को नए तरह से समझने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक उम्र में ज्यादा जोश से अपना काम करने के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है, जो कम समय के लिए ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से प्रेरणा मिल सकती है। इस काम में एक चम्मच चीनी के बराबर मीठा पेय अच्छा रहता है।
इस अध्ययन के लिए विशेषज्ञों ने लोगों को कम मात्रा में ग्लूकोज या शक्कर वाला पेय पीने को दिया। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों ने चीनी पीने के बाद जोश, याद्दाश्त और प्रदर्शन में बेहतरी महसूस की, जबकि आर्टिफीशियल स्वीटनर लेने वालों के साथ ऐसा नहीं हुआ। 18 से 27 साल की उम्र के लोगों ने भी चीनी या ग्लूकोज वाला पेय पीने के बाद जोश, याद्दाश्त और प्रर्दशन में इजाफा महसूस किया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक उम्र में मुश्किल काम में दिमाग लगाने से उसकी ताकत बढ़ती है। उम्रदराज लोगों में मुश्किल कामों की चुनौती लेने के लिए प्रेरित करने में चीनी काफी मददगार हो सकती है। यह अध्ययन साइकोलॉजी एंड एजिंग जर्नल में प्रकाशित हो चुका है।