पूर्वांचल से आ रही ट्रेनों में नहीं पांव रखने की जगह

लक्सर। होली के अगले ही दिन से पूर्वांचल की तरफ से आने वाली सारी ट्रेनो में भारी भीड़ आनी शुरू हो गई है। जनरल व स्लीपर क्लास के डिब्बों के गैलरी, दरवाजे तो क्या, टॉयलेट के गेट तक खचाखच मुसाफिर भरे हैं। ऐसे में लक्सर से रोजाना आने जाने वाले यात्रियों को भी चढ़ने में मुश्किल हो रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हजारों लोग हरिद्वार, देहरादून के अलावा हरियाणा व पंजाब में रहकर काम करते हैं। त्यौहार पर इनके घर आने जाने से ट्रेनो में रश रहता है। होली से पहले उधर जाने वाली सारी ट्रेनों में बैठना तो दूर खड़े होने तक की मारामारी थी। अब होली के अगले दिन से ये लोग काम पर वापस लौट रहे हैं। इससे अब पूर्वांचल से आने वाली सभी गाड़ियां मुसाफिरों से पैक होकर आ रही हैं। वेंडर राजू, कुलदीप, वेदपाल ने बताया कि सहारनपुर की तरफ की गाड़ियों में देहरादून वाली ट्रेनो से ज्यादा भीड़ है। जनरल व स्लीपर क्लास के डिब्बों में पैर रखने भर की जगह नहीं है। लक्सर से रोज सफर करने वाले सुरेंद्र सिंह, रिंकू रंधावा ने बताया कि इस बार ट्रेनो में भीड़ ज्यादा है। उन्हें डिब्बे के पायदान पर लटककर आना जाना पड़ रहा है।
भीड़ के बाद भी राइट टाइम आ रही ट्रेने
भीड़ में ट्रेन अक्सर लेट हेाती हैं। पर गुरूवार को पूर्वांचल से आने वाली ज्यादातर ट्रेन सही टाइम पर चली। पाटलिपुत्र (पटना) से चंडीगढ़, चंडीगढ़ एक्सप्रेस दोपहर 2 बजे, गोरखपुर से देहरादून राप्ती गंगा एक्सप्रेस दोपहर 11.15 बजे, लक्ष्मीबाई नगर (मुबंई) से योगनगरी ऋषिकेश उज्जैनी एक्सप्रेस दोपहर 3 बजे, हावड़ा से देहरादून कुंभ एक्सप्रेस दोपहर 3.30 बजे और अहमदाबाद से योगनगरी ऋषिकेश योगा एक्सप्रेस ट्रेन दोपहर 11 बजे अपने सही समय पर आई। हालांकि पुरी से योगनगरी ऋषिकेश कलिंग उत्कल एक्सप्रेस व सूबेदारगंज से देहरादून देहरादून एक्सप्रेस दोनो करीब 2-2 घंटे लेट हुई। दरभंगा से अमृतसर जननायक एक्सप्रेस व श्रीगंगानगर से ऋषिकेश एक्सप्रेस भी मामूली देरी से चली।