बिहार

उत्तराखंड में जुटे देश-दुनिया के “न्यूरोसाइंस” डॉक्टर

देहरादून। दून न्यूरो सोसायटी के तत्वावधान में पिछले सप्ताह मसूरी में यूपी-यूके न्यूरोसाइंस सोसायटी का वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन में देश और दुनिया से जुटे न्यूरो साइंस के विद्वान डॉक्टरों ने भाग लिया। इस दौरान न्यूरो साइंस में बड़े बदलाव, रिसर्च और पुराने अनुभवों पर गहन मंत्रणा हुई। सम्मेलन में नामी न्यूरो सर्जन और फिजिशियन ने क्रिटिकल केस और इलाज से जुड़े अनुभव साझा किए।

न्यूरो साइंस यानी तंत्रिका विज्ञान मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यदि मानव शरीर में न्यूरो सिस्टम ध्वस्त हो गया और अन्य सभी अंग काम कर रहे तो मनुष्य मृत सामान है। ऐसे में न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजीशियन का चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। इसी विषय पर देश और दुनिया के नामी न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजीशियन मसूरी सम्मेलन में पहुंचे। तीन दिनों का चले अत्यंत सघन वैज्ञानिक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से शामिल हुए प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जनों और न्यूरोफिजिशियंस ने अपने अनुभव, रिसर्च और उपचार विधियों का बारे में जानकारी साझा की। कार्यक्रम में डॉक्टरों ने तंत्रिका विज्ञान में नए विकास पर व्याख्यान दिए। उत्तर भारत के प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ महेश कुड़ियाल ने बताया कि न्यूरो विज्ञान में नित नए शोध, अनुसंधान एवं उपचार विधियां शामिल हो रही है। ऐसे में न्यूरो सर्जन और फिजीशियन पर और अधिक जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्होंने न्यूरो सर्जन के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए और कहा कि तकनीकी ने इलाज को जितना सरल किया है, उससे डॉक्टरों पर जिम्मेदारी बढ़ी है। उन्होंने न्यूरो सर्जन के रूप में कुछ बड़े केस की जानकारी जुनियर डॉक्टरो से साझा की। इस दौरान देशभर से न्यूरो सर्जन और न्यूरो फिजीशियन मौजूद रहे।

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