राजनीति

नेशनल कांफ्रेंस के नेता बशीर अहमद वीरी का विवादित बयान, आतंकियों को बताया ‘शहीद’

श्रीनगर: फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने आतंकवादियों की हत्या के बाद विवादित बयान दिया है. बशीर अहमद वीरी नाम के इस नेता ने आतंकियों को शहीद कहा है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में आतंकियों की हत्या से जुड़े सवाल पर बशीर अहमद वीरी ने कहा कि ये सभी कश्मीर की खातिर जान गंवा रहे हैं. कश्मीर की खातिर जो कोई भी जान गंवाएगा वह शहीद ही कहलाएगा. बशीर अहमद वीरी ने कहा, ‘कश्मीर मसले के लिए जितने लोगों का भी खून बहता है, वे सब शहीद हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर क्या वजह है कि घाटी के युवा अपने गरम-गरम खून का नजराना पेश कर रहे हैं. कुछ तो इसके पीछ वजह होगी.’

नेशनल कांफ्रेंस के दक्षिण कश्मीर जोन के अध्यक्ष बशीर ने कहा, ‘यहां इतने लोग मर रहे हैं, तो क्या अपने घर के लिए लड़ रहे हैं. कोई तो मसला है जिसके लिए लोग अपने गरम-गरम खून का नजराना देते हैं. कश्मीर के मसले के लिए जितने भी लोग लड़ने आए हैं, वे सब शहीद हैं.’

वरिष्ठ नेता बशीर ने कहा, ‘हम तो पहले से कहते आ रहे हैं. 1953 में जब लोकतांत्रिक तौर पर चुने गए प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद से जितने भी लोग मारे गए, वे सब शहीद हैं. ये जो पांच लोग मारे गए हैं वे भी शहीद हैं. सब शहीद हैं.’

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना ने पिछले सप्ताह एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आतंकियों को मार गिराया था. मालूम हो कि शुक्रवार शाम को सेना को किलोरा में लश्कर कमांडर के छिपे होने की जानकारी मिली थी. सेना ने इसके बाद हुई मुठभेड़ में कमांडर को मार गिराया था. मुठभेड़ स्थल पर ही शनिवार सुबह फायरिंग दोबारा शुरू हो गई जिसमें चार और आतंकियों का सेना ने मार गिराया.

पुलिस हिरासत से इस साल फरवरी में फरार हुआ लश्कर ए तैयबा का वांछित आतंकवादी नवीद जट एक आतंकवादी के अंतिम संस्कार में नजर आया. यह आतंकवादी जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. शोपियां के मलिकगुंड गांव में वकार अहमद शेख के अंतिम संस्कार में जट द्वारा उसे बंदूक से सलामी देने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर नजर आई हैं.

जट छह फरवरी को पुलिस हिरासत से उस समय फरार हो गया था जब उसे मेडिकल जांच के लिए यहां श्री महाराज हरि सिंह अस्पताल ले जाया गया था. अस्पताल में गोलीबारी में दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी. उस पर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का भी आरोप है जिनकी 14 जून को यहां प्रेस एंक्लेव में उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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