बिहार

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में शामिल होंगी ‘ज्यादातर’ बीमारियां

नई दिल्ली: भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को कहा कि उसने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के दायरे से ‘बाहर’ की बीमारियों की संख्या को कम करने की प्रक्रिया शुरू की है. इरडा के इस कदम को उपभोक्ताओं के अनुकूल माना जा रहा है. इरडा समय-समय पर स्वास्थ्य बीमा की मानकीकरण तथा इनमें पारदर्शिता बढ़ाने तथा समानता लाने के लिए दिशानिर्देश जारी करता रहता है. इनमें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में इस्तेमाल होने वाली शब्दावली के मानकीकरण के अलावा गंभीर बीमारियों के लिए नामावली तथा प्रक्रियाओं के मानकीकरण संबंधी दिशानिर्देश शामिल होते हैं.

इरडा ने अपने आदेश में कहा कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही है. साथ ही उनके द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि उद्योग इस बारे में समान रुख अपनाए. उत्पाद डिजाइन में किसी बीमारी को बाहर रखने के बारे में सभी कंपनियों द्वारा समानता का रुख अपनाया जाए. इस उद्देश्य से नियामक ने दस सदस्यीय समिति बनाई है और उसे आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. समिति के प्रमुख इरडा के कार्यकारी निदेशक (स्वास्थ्य) सुरेश माथुर हैं.

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