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जमीन के नीचे ‘गुफा’ तैयार कर रही है मोदी सरकार, ऐसे वक्त में आएगी देश के काम

नई दि‍ल्‍ली: ओडि‍शा और कर्नाटक में अंडरग्राउंड क्रूड ऑयल स्‍टोरेज बनाने के लि‍ए मोदी सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इन स्‍टोरेज के बनने से भारत के पास 12 से 22 दि‍न का एमरजेंसी स्‍टॉक हो जाएगा. इन दो स्‍ट्रैटजि‍क पेट्रोलियम रि‍जर्व (SPR) फैसि‍लि‍टी की कैपेसि‍टी 6.5 मि‍लि‍यन मैट्रि‍क टन (MMT) है. भारत के पास पहले से ही तीन जगहों पर 5.33 MMT स्‍टोरेज की अंडरग्राउंड गुफाएं हैं. इनमें वि‍शाखापट्टनम (1.33 MMT), मंगलौर (1.5 MMT) और पदूर (2.5 MMT) शामिल हैं. ऐसे में दो और अंडरग्राउंड ऑयल स्टोरेज बनाने के फैसले के पीछे सोची-समझी रणनीति है.

क्यों बनाई जा रही हैं ये गुफाएं?
स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व तेल कंपनि‍यों के पास मौजूद क्रूड ऑयल और पेट्रोलि‍यम प्रोडक्‍ट्स के अलावा स्टोरेज फैसिलिटी बनाई जाती है. क्रूड ऑयल स्‍टोरेज को जमीन के नीचे पत्‍थरों की गुफाओं में बनाया जाता है. पत्‍थर की गुफाएं मानव नि‍र्मि‍त होती हैं और इनहें हाइड्रोकार्बन जमा करने के लि‍ए सबसे सुरक्षि‍त माना जाता है. ऑयल रि‍जर्व को तेल की सप्लाई में रुकावट आने और भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया जाता है. ऑयल रि‍जर्व को इंडि‍यन स्‍ट्रैटजि‍क पेट्रोलि‍यम रि‍जर्व लि‍मि‍टेड मैनेज करता है.

क्यों बनाए गए ऑयल रिजर्व?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 1990 में खाड़ी युद्ध हुआ तो भारत दि‍वालि‍या होने की स्‍थि‍ति‍ में पहुंच गया था. उस वक्‍त तेल की कीमत ऊंचाईयों पर पहुंच गईं और भारत का इंपोर्ट बि‍ल बढ़ गया. इसकी वजह से फॉरेन एक्‍सचेंज की हालत खराब हो गई और भारत के पास मात्र तीन हफ्ते के इंपोर्ट का पैसा बचा था.

विदेशी मुद्रा भंडार में आई थी कमी
भारत ऊंची कीमतों का तेल खरीदने को मजबूर था और ऐसे में अप्रैल 1991 के अंत तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई और यह 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. अगर आप इस भयावह स्थिति का अंदाजा ना लगा पा रहे हों तो बता दें कि बीते सप्ताह (15 जून 2018) को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 बिलियन डॉलर था.

किसने दिया था आइडिया?
भारत ने संकट से नि‍पटने के लि‍ए इकोनॉमि‍क पॉलि‍सी: उदारीकरण, नीजि‍करण और वैश्‍वीकरण को पेश कि‍या. हालांकि‍, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाच भारत को लगातार प्रभावि‍त कर रहा है. तेल बाजार में उत्पन्न हुई समस्या का दीर्घकालिक समाधान निकलने के लिए अटल बि‍हारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में ऑयल रि‍जर्व करने का आइडिया दिया था.

पेट्रोल-डीजल के लिए भी दीर्घकालिक समाधान
तेल की समस्या का दीर्घकालीन हल निकालने के लिए भारत गुफाओं में तेल स्टोर करने की योजना बना रहा है. इन्हें रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स या SPR) कहा जाता है. इस बफर का उद्देश्य तेल की बाहरी कीमतों में उछाल आने या किसी अन्य परिस्थिति में तेल का आपूर्ति संकट से बचना है.

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