जानें कौन दिला सकता है टोक्यो ओलिंपिक में भारत को मेडल
भारत का मुक्केबाज़ी का इतिहास तो खासा पुराना है पर हम ओलंपिक में प्रदर्शन की बात करें तो यह बहुत चमकदार नहीं है.
विजेंदर सिंह ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक की मुक्केबाज़ी में भारत का पदकों का खाता खोला था. इसके चार साल बाद एमसी मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. इस बार भारतीय मुक्केबाज़ों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है और माना जा रहा है कि भारत का नौ सदस्यीय दल पिछले प्रदर्शनों से कुछ बेहतर करके आएगा.
भारत के लिए ओलंपिक इतिहास में पहला मुक्केबाज़ी पदक जीतने वाले विजेंदर सिंह अब पेशेवर मुक्केबाज़ बन चुके हैं. कुछ समय पहले जब उनसे टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज़ों के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “वैसे तो मैं आजकल एमेच्योर मुक्केबाज़ी पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाता हूं. पर इस बारे में मैंने जितना पढ़ा और सुना है, उससे लगता है कि इस बार एक से ज़्यादा पदक आने चाहिए. अमित पंघल जबर्दस्त फॉर्म में हैं और हमारे पास मैरी कॉम भी हैं.”