पूर्व सीएम के सलाहकार की कंपनी के खिलाफ जांच शुरू
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तत्कालीन सलाहकार केएस पंवार से जुड़ी कंपनी के खिलाफ सीबीसीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि कंपनी लोगों की वोटर आईडी के जरिए उनके फर्जी खाते खुलवाती थी। ये वोटर कार्ड वे इंटरनेट के जरिए कई साइटों से डाउनलोड करते थे। इसी तरह कंपनी पर करीब दो सौ करोड़ की मनी लान्ड्रिंग का करने का इल्जाम है। सोशल म्यूचुअल बेनीफिट्स निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी के खिलाफ शिकायत के बाद एसटीएफ ने शुरुआती जांच की थी, उसमें कुछ तथ्य सामने आने के बाद विस्तृत जांच आर्थिक अपराध शाखा से करवाई जा रही है।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के करीबी माने जाने वाले केएस पंवार की पत्नी इस कंपनी में निदेशक रह चुकी हैं। कंपनी के खिलाफ करीब 50 हजार लोगों के फर्जी आरडी व एफडी खाते खुलवाने का आरोप है। ये भी आरोप है कि इन खातों के जरिए करीब दो सौ करोड़ का काला धन वैध किया गया। लेकिन कई बार शिकायत के बाद भी कंपनी के खिलाफ जांच नहीं की गई। केएस पंवार की पत्नी 2017 से 2020 तक कंपनी की निदेशक रहीं। मनी लान्ड्रिंग के आरोप भी इसी दौरान के बताए जा रहे हैं। डीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि कंपनी के खिलाफ शिकायत मिली है। उसमें मनी लान्ड्रिंग सहित कुछ अन्य शिकायतें थीं। सरकार के निर्देश पर आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपी है। जांच के बाद ही आरोप और कंपनी से जुड़े लोगों के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी। जांच के नतीजे के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी ने सारे आरोपों को बताया निराधार
कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल केएस पंवार ने कहा कि शिकायत पर पूर्व में भी पुलिस विस्तृत जांच करा चुकी है। यहां तक कि विधानसभा के पटल पर भी सरकार की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि कंपनी ने कोई वित्तीय अनियमितताएं नहीं की हैं। मुझे लगता है कि कुछ असामाजिक तत्व कंपनी की छवि को धूमिल करने व आर्थिक सामाजिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से बार-बार एक ही शिकायत से सरकार को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी नियमानुसार अपना समस्त वित्तीय कारोबार पिछले 45 वर्षों से कर रही है और सभी लेखा-विवरण संबंधित विधि के अनुसार नियमित रूप से जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के पास जमा कराती आ रही है।