उत्तराखण्ड

अवैध वेडिंग संचालक हो रहे मालामाल, कैंट बोर्ड को फूटी कौड़ी नहीं

देहरादून। जन केसरी
छावनी परिषद गढ़ी क्षेत्र में संचालित हो रहे अवैध वेडिंग प्वाइंट वाले शादी के सीजन में मालामाल हो रहे हैं। जबकि कैंट बोर्ड को इनसें फूटी कौड़ी तक नहीं मिलती है। इन वेडिंग प्वाइंटों में बिजली पानी तक के कनेक्शन हैं। लेकिन पार्किंग की सुविधा किसी के यहां नहीं है। कैंट बोर्ड की मेहरबानी वेडिंग प्वाइंट का कचरा भी फ्री में उठाता है।
कैंट क्षेत्र में ये है अवैध वेडिंग प्वाइंट
कैंट बोर्ड की माने तो आजतक किसी भी वेडिंग प्वाइंट वालों ने वेडिंग प्वाइंट संचालन के लिए अनुमति नहीं ली है। क्षेत्र में किसी को भी आजतक अनुमति भी नहीं दी गई है। ऐसे में गायत्री मैरिज होम, बद्री विशाल, शर्मा वेडिंग प्वाइंट, गेल फार्म हाउस, उपकार, जीआरडी वेडिंग प्वाइंट, वी वन प्राइड होटल एंड वेडिंग प्वाइंट, भारतीय गार्डन आदि वेडिंग प्वाइंट अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इनसे एक रुपये भी कैंट बोर्ड टैक्स नहीं लेता है। स्थानीय कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जब वेडिंग संचालक कमाई कर रहे हैं तो कैंट बोर्ड को इनसे टैक्स अवश्य लेना चाहिए। अगर टैक्स नहीं ले रहे हैं तो नियमानुसार जो कार्रवाई होनी चाहिए कैंट बोर्ड प्रशासन को करनी चाहिए।
सवाल
जब कैंट क्षेत्र के समस्त वेडिंग प्वाइंट अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं तो बिजली और पानी का कनेक्शन इनको कैसे मिला। पार्किंग की सुविधा नहीं फिर एमडीडीए और कैंट बोर्ड इनको सील क्यों नहीं करता है। कूड़ा निस्तारण के लिए इनके पास अपनी कोई व्यवस्था नहीं है। अगर कैंट बोर्ड कूड़ा उठाता है तो उसको इसमें क्या लाभ मिलता है। कैंट बोर्ड इनसे टैक्स क्यों नहीं वसूलता है। अगर ये सभी अवैध हैं तो इनपर कार्रवाई क्यों नहीं।

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