गरुड़ पुराण: इन कामों को बीच में छोड़ेंगे तो हो जाएगा सर्वनाश
हिंदू धर्म के शास्त्रों में मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई बातें बताई गई है। लेकिन आज कल के इस मॉडर्न समय में लोग शास्त्रओं की बातों पर कुछ खास ध्यान नहीं देते। जबकि वास्तव में आज भी शास्त्रों में बताई गई बातें व्यक्ति के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती हैं। तो आईए आपको कुछ एेसी बातें बताएं जिनका पालन करने से किसी भी व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
सनातन धर्म में गरुड़ पुराण को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति के लिए हर घर में पढ़ा जाता है। गरुड़पुराण में एक तरफ जहां मृत्यु का रहस्य बताया गया है। वहीं दूसरी ओर जीवन को जानने तथा जीने की प्रेरणा मिलती है। इस पुराण में 4 एेसे कार्य बताए हैं, जिनको बीच में अधुरा छोड़ने पर मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानें ये कार्य-
अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। उसकी पीड़ा को सहन कर रहा है तो उसका पूरी तरह से इलाज करवाना चाहिए। उसकी दवाई-दारु को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। रोगी का उपचार बीच में ही रोक दें या फिर किसी कारण पूरा न हो पाए तो वह फिर से उस बीनारी की चपेट में आ सकता है।
जब भी हम किसी से कोई उधार लेते हैं तो तुंरत ही उसे वापिस कर देना चाहिए। सही समय पर चुकाया गया कर्ज हमें जीवन भर के भार से हल्का कर देता हैं। अगर ऋण न पूरा हो तो रिश्तों में भी दरार आने लग जाती है। गरुड़ पुराण की एक सीख के अनुसार एगर कहीं आग लगी हो तो तुंरत बुझा देनी चाहिए वरना जान-माल का खतरा हो सकता है।
जीवन में कभी भी शत्रु नहीं बनाने चाहिए। क्योकि बाद में फिर यहीं लोग आपको कष्ट दे सकते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि अगर आपका कोई शत्रु आपको बार-बार परेशान कर रहा है तो किसी भी तरह उससे शत्रुता खत्म कर लेने में ही आपकी भलाई है, वरना आपको वो शत्रु हमेशा कभी भी आपकी अहित कर सकता है। गरुड़ पुराण की मानें तो शत्रुता का नाश करने से जीवन का भय खत्म हो जाता है।