डाकघर ने पैसा जमा किया है तो ब्याज देना ही होगा
यह मामला डाकघर में नेशनल सेविंग स्कीम के तहत खोले गए दूसरे खाते से जुड़ा है, जिस पर डाकघर अधिकारियों की ओर से उपभोक्ता को ब्याज देने से इनकार कर दिया गया था। मामले के अनुसार, उपभोक्ता ने डाकघर में राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) के तहत खाता खुलवाया और उसमें एक निश्चित राशि जमा कराई। इसके बाद डाकघर की ओर से उपभोक्ता को उसका एनएसएस खाता नंबर उपलब्ध कराया दिया गया। इसी वित्तीय वर्ष में उपभोक्ता 13 हजार रुपये और अपने एनएसएस खाते में जमा कराने के लिए डाकघर पहुंचा। लेकिन इस बार डाकघर के अधिकारियों ने उसकी रकम संबंधित एनएसएस खाते में जमा करने से इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए उसे दूसरा खाता खुलवाना पड़ेगा। इस पर उपभोक्ता ने योजना के तहत ही दूसरा खाता खोलकर उसमें रकम जमा करा दी।
वित्त वर्ष की समाप्ति पर उपभोक्ता को पता चला कि उसे योजना के तहत खोले गए दूसरे खाते पर डाकघर की ओर से कोई ब्याज नहीं दिया गया तो उसने इसके खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में अपील दायर की और डाकघर से राशि पर ब्याज के साथ क्षतिपूर्ति की भी मांग की। जिला उपभोक्ता फोरम में सुनवाई के दौरान डाकघर अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि एनएसएस के तहत एक से ज्यादा खाते खोले जाते हैं तो दूसरे खाते पर कोई ब्याज देयता नहीं बनती है। इसके बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता की अपील को खारिज कर दिया। इस पर उपभोक्ता ने राज्य आयोग में फैसले के खिलाफ याचिका दायर की। यहां भी बहस के दौरान डाकघर अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए अपने फैसले को सही ठहराया और कहा कि उसने उपभोक्ता के पहले खाते पर निर्धारित ब्याज अदा किया है। सुनवाई के बाद राज्य आयोग ने भी जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले को बरकरार रखा और उपभोक्ता की अपील खारिज कर दी। आखिर में पीड़ित ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में राज्य आयोग के खिलाफ रिवीजन याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई।
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने पीड़ित की इस दलील को सही माना कि पहले डाकघर अधिकारियों ने एनएसएस के तहत दूसरा खाता खुलवाया फिर इस पर नियमों का हवाला देकर ब्याज देने से इनकार कर दिया। सुनवाई के बाद राष्ट्रीय आयोग ने डाकघर अधिकारियों से कहा कि आदेश जारी होने के छह सप्ताह के भीतर वे उपभोक्ता की जमा राशि पर 9 फीसदी की दर से ब्याज उपलब्ध कराएं। आयोग ने कहा कि चूंकि, डाकघर ने उपभोक्ता से राशि जमा कराई और उसका उपयोग भी किया तो इस राशि पर ब्याज पाने का उसे पूरा अधिकार है। साथ ही कहा कि नियमों के बारे में डाकघर अधिकारियों को पहले ही सूचित करना चाहिए था।