बेटी ने मां को काश ये शब्द बोल दी होती तो बच जाती उसकी जान, नहीं होते शव के दो टुकड़े
देहरादून। जन केसरी
बेटी प्राप्ति सिंह काश मां को मां बोल दी होती तो आज शायद वे इस दुनिया में होती। सौलेती मां पिछले कई सालों से इस शब्द को सुनने के लिए आतुर थी। लेकिन दोनों के बीच कुछ इस तरह के अनबन चल रहे थे कि दोनों एक दूसरे को देखना पसंद तक नहीं करते थे। यही वजह थी कि सालों से अंदर ही अंदर दम घूट रही सौतेली मां ने उसकी हत्या कर शव के दो टुकड़े कर दिए।
सौतेली मां मीनू कौर ने अपने अंसारी मार्ग स्थित घर पर छह फरवरी की रात सो रही बेटी प्राप्ति सिंह (21) की ईंट से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुखरी से शव के दो टुकड़े कर दिए। मीनू कौर अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गई है। मीनू कौर एक ही बात बार-बार कह रही है कि उसने जो किया वह ठीक किया। प्राप्ति ने जब से होश संभाला वह मुझे मां के तौर पर मानती ही नहीं थी। वह मां तक नहीं बोलती थी। इधर, प्राप्ति की हत्या की सूचना पर दिल्ली से बुआ तृप्ति सखूजा भी पति अश्वनी सखूजा के साथ दून पहुंचे हैं। अश्वनी पेशे से अधिवक्ता है। सखूजा दंपति ने पुलिस हिरासत में मीनू से बात की। जहां मीनू ने उनसे भी साफ कहा कि एक दिन तो यह होना था। आखिर वह प्राप्ति के इस तरह के व्यवहार को कब तक बर्दाश्त कर पाती। एक मां के तौर पर मैं बार-बार उसका भला-बुरा सोचती थी, लेकिन वह मां ही नहीं मानती थी।कोतवाली इंस्पेक्टर बीबीडी जुयाल ने बताया कि मीनू का कहना है कि प्राप्ति उसे इज्जत नहीं देती थी। जिसके चलते वे मानसिक मौर पर परेशान हो गई थी। इसी वजह से उसने हत्या की।