वायु सेना दिवस पर एयर फोर्स में अग्निवीरों का पहला बैच शामिल

प्रयागराज। वायु सेना की 91वीं वर्षगांठ पर रविवार को एक और नया अध्याय जुड़ गया है। आज भारतीय वायुसेना को नया झंडा मिला है। यह बदलाव 72 वर्ष बाद किया गया है। वायु सेना अध्यक्ष चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने परेड के दौरान झंडा बदलने के साथ वायु योद्धाओं को शपथ भी दिलाई।
वायु सेना दिवस के अवसर पर वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य ने बल को स्वदेशी क्षमता विकसित करके आयात पर निर्भरता कम करने का अवसर प्रदान किया है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने विकसित होती वायु शक्ति की बारीकियों को समझने, “शांति बनाए रखने की गति निर्धारित करने और यदि आवश्यक हो, तो युद्ध लड़ने और जीतने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और भारतीय वायुसेना को अपने रास्ते में आने वाली सभी नई चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि इस जटिल और गतिशील रणनीतिक माहौल में, हमारी रणनीति को परिष्कृत करना, मजबूत सर्वांगीण क्षमताओं का निर्माण करना और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भविष्य के युद्धों पर मुकदमा चलाने के लिए एक लचीली मानसिकता विकसित करना निर्णायक साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘वायु और अंतरिक्ष बल बनने की हमारी खोज में, हमें अंतरिक्ष क्षेत्र के महत्व को पहचानना चाहिए और अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का विकास जारी रखना चाहिए। वायुसेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि वायु सेना बल को उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम बनाने के लिए नवाचार हमारे डीएनए का हिस्सा होना चाहिए। हमें अपने संचालन, प्रशिक्षण, रखरखाव और प्रशासन के हर पहलू में खुद को उच्चतम मानकों पर रखना चाहिए। हमें प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए। हमें तकनीकी श्रेष्ठता बनाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास और अधिग्रहण में निवेश करना चाहिए।