शहीदों के लिए ‘एक रुपया’ दान कर रहे किसान
मुआवजे या अतिरिक्त मुआवजे के लिए किसानों को लड़ते सबने देखा है, मगर उसमें से कुछ धनराशि शहीदों को दान करते हुए नहीं सुना होगा। हकीकत यही है कि अब्दुल्लापुर व कसेरूबक्सर गांव के किसान कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। वे करीब 18 लाख रुपये जिलाधिकारी राहत कोष के माध्यम से शहीद परिवारों की सहायता के लिए दे रहे हैं। ये किसान असल मायने में जय जवान-जय किसान के संदेश को हकीकत में उतार रहे हैं।
गंगानगर एमडीए (मेरठ विकास प्राधिकरण) की आवासीय योजना है। इसे बसाने के लिए अब्दुल्लापुर व कसेरूबक्सर गांव की जमीन 1987 में अधिग्रहीत हुई थी। इन किसानों को पहले मुआवजा दिया गया था। मगर किसानों ने फिर से आंदोलन किया और अतिरिक्त मुआवजे की मांग की। वर्षों तक चले आंदोलन के बाद इस साल आखिरकार यह सहमति बनी कि किसानों को अतिरिक्त प्रतिकर शताब्दीनगर योजना के बराबर दिया जाएगा। इसके लिए धनराशि का आकलन करने के साथ ही समझौता पत्र तैयार हो रहे हैं।
वैसे गंगानगर योजना के बराबर ही लोहियानगर व वेदव्यासपुरी योजना से संबंधित गांव के किसानों को भी अतिरिक्त प्रतिकर मिलेगा। अतिरिक्त प्रतिकर मिलने की खुशी में गंगानगर से संबंधित किसानों ने पूर्व में की गई घोषणा के अनुरूप पहल की। पहल यह कि प्रत्येक किसान प्रति वर्ग गज एक रुपये दान करेगा। किसान समझौता पत्र में इस दान की धनराशि को जिलाधिकारी राहत कोष में जमा करने के लिए पत्र भी दे रहे हैं। किसानों ने एमडीए के उपाध्यक्ष व सचिव को संबोधित करते हुए यह पत्र लिखा है, इसलिए एमडीए इस राशि को काट करके शेष धनराशि का चेक बनाएगा
600 किसान देंगे 18 लाख रुपये
इस योजना से संबंधित करीब 600 किसान हैं। एक आकलन के अनुसार इन सभी किसानों से जो धनराशि एकत्र होगी वह करीब 18 लाख रुपये होगी। अभी चूंकि समझौता पत्र तैयार हो रहे हैं और उसके अनुसार धनराशि का आकलन एमडीए के लेखा अनुभाग व एडीएम (एलए) के कार्यालय से हो रहा है। सभी किसानों की फाइल का आकलन पूरा होने के बाद किसानों के पत्र के अनुसार धनराशि काटी जाएगी। चूंकि यह राशि जिलाधिकारी राहत कोष के लिए है, इसलिए किसान मांग करेंगे कि जिलाधिकारी उस कोष में जमा की गई धनराशि शहीदों के सम्मान या फिर शहीद परिवारों की आर्थिक सहायता में खर्च करें। इसलिए यह धनराशि उस कोष के लिए भिजवाई जाएगी जिससे शहीद परिवारों की सहायता हो सके।
2015 में किसानों ने की थी घोषणा
22 मई 2015 को तत्कालीन जिलाधिकारी पंकज यादव ने किसानों का पक्ष सुना था और उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इससे किसान प्रभावित हुए थे। तभी किसानों की ओर से किसान नेता हरविंदर सिंह ने घोषणा की थी कि यदि उन्हें अतिरिक्त प्रतिकर मिलेगा तो वे एक रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से दान करेंगे।
शहीदों की शहादत से दुखी होकर आया विचार
गंगानगर किसान संघर्ष समिति के महामंत्री हरविंदर सिंह का कहना है कि जिस वक्त किसानों की मांग पर विचार हो रहा था उसी समय देश के सैनिक शहीद हो रहे थे। इसलिए सोच लिया था कि अतिरिक्त मुआवजा की मांग पूरी होने पर उसमें से कुछ धनराशि शहीदों के नाम दी जाएगी।
”गंगानगर से संबंधित 600 किसानों ने एक रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से राशि काटने व उसे जिलाधिकारी राहत कोष में जमा करने का पत्र दिया है। जब हिसाब हो जाएगा तब जिलाधिकारी से अपील की जाएगी कि इस राशि को शहीदों के सम्मान या उनके परिवारों की आर्थिक सहायता से संबंधित कोष के लिए भिजवाएं।”
-हरविंदर सिंह, महामंत्री, गंगानगर किसान संघर्ष समिति
गंगानगर योजना से संबंधित कसेरूबक्सर व अब्दुल्लापुर के किसानों का यह कदम स्वागतयोग्य है। फिलहाल जिलाधिकारी राहत कोष में जमा करने के लिए यहां के किसानों ने पत्र दिया है। यदि इसे शहीदों के लिए देना चाहते हैं तो भी अच्छी पहल है। किसानों की मंशा के अनुरूप संबंधित कोष में जमा कराने के लिए प्रशासन से संपर्क किया जाएगा।
-राजकुमार, सचिव, एमडीए
किसानों की यह पहल सराहनीय है। यदि वे अपनी स्वेच्छा से धनराशि दे रहे हैं तो उनका स्वागत है। उनकी इच्छा के अनुसार उस धनराशि को शहीदों के परिवार के लिए संबंधित कोष में ट्रांसफर करा दिया जाएगा।
-अनिल ढींगरा, डीएम