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कैंट बोर्ड विलय होगा तो भी अपनी नहीं होगी जमीन

देहरादून। रुड़की से कैंट बोर्ड हटने के बावजूद जनता को जमीनों के पट्टों का अधिकार नहीं मिल पाएगा। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नगर निगम या नगर पालिकों को कैंट क्षेत्र में सिर्फ जन सुविधाएं मुहैया करवाने व दायित्वों का अधिकार रहेगा। जबकि कैंट को पूरी भूमि पर भारत सरकार का अधिकार बरकरार रहेगा। अब विलय की चर्चा तेजी से हो रही है। इधर, कैंट क्षेत्रवासियों ने कहा कि इस शर्तों के साथ विलय में क्षेत्रवासियों को नुकसान है।
कैंट क्षेत्र रुड़की निवासी कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष दीपक अरोड़ा, विनय अग्रवाल, राजेश आहूजा आदि ने कहा कि अगर कैंट को विलय करना है तो जमीनों का (लीज पर दी गई ) मालिकाना हक भी राज्य सरकार के पास जानी चाहिए। ताकि क्षेत्रवासियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इन शर्तों के साथ अगर कैंट को नगर निगम या निकाय में शामिल किया जाता है तो इससे लोगों को नुकसान है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में बहुत कम ही जमीन फ्री होल्ड है। अन्य भूमि रक्षा संपदा अधिकारी व छावनी परिषद में ओल्ड ग्रांट व लीज में आवंटित की गई है। कैंटवासियों को उम्मीद थी कि निकट भविष्य में कैंट क्षेत्र के हटने के बाद उन्हें लीज में दी गई जमीन पर भी अधिकार मिल जाएगा। लेकिन अब शायद ऐसा नहीं होने वाला है। इधर, कैंट बोर्ड रुड़की के सीईओ विशाल सारस्वत ने कहा कि कैंट विलय होगा या नहीं ये भारत सरकार तथा रक्षा मंत्रालय के हाथ में है। किन नियमों व शर्तों के आधार पर विलय की बात हो रही है ये अभीतक स्पष्ट नहीं है।

कैंट में रहने के पांच फायदे
– छेत्रवासी अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं
– सफाई व्यवस्था अच्छी रहती है
– छेत्र की सड़के अच्छी रहती है
– किसी काम के लिए बोर्ड में आसानी से अधिकारी मिल जाते हैं
– कैंट क्षेत्र में टैक्स कम है निगम के तुलना में

कैंट में रहने के पांच नुकसान

– अंग्रेजो के जमाने से जो कानून है उससे निर्माण कार्य में दिक्क़त होती है
– राज्य की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है
– बजट का अभाव के चक्कर में विकास कार्य तेजी से नहीं होते हैं
– अपनी जमीन पर लोग आसानी से मकान नहीं बनवा सकते हैं
– नक्शा पास व म्यूटेशन में दिक्कत होती है

निगम में शामिल होने के बाद पांच फायदे
– मकान बनवाना और नक्शा पास करना आसान हो जाएगा
– तमाम योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा
– म्यूटेशन जल्द होगें
– पूर्व सैनिकों को हाउस टैक्स में छूट मिल जाएगा
– अंग्रेजों के कानून से क्षेत्रवासियों को मुक्ति मिल जाएगी

निगम में शामिल होने के बाद पांच नुकसान
– क्षेत्र में गंदगी फैली रहेगी
– अवैध निर्माण की बाढ़ आ जाएगी
– सरकारी संपत्तियों पर कब्जे के मामले बढ़ जाएंगे
– लोग अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे
– जमीन रक्षा मंत्रालय के अधीन होने की वजह से समस्याएं जस की तस रहेगी
– टैक्स बढ़ जाएगी और सुविधाएं कम मिलेंगी

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