उत्तराखण्ड

कोरोना से चिपको आंदोलन के पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन

देहरादून। जन केसरी
जाने माने पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन से पहचान बनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार को कोरोना से निधन हो गया है। बता दें कि 94 वर्षीय बहुगुणा को कोरोना होने पर गत आठ मई को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था।
देहरादून स्थित शास्त्रीनगर में वे अपने दामाद डॉ. बीसी पाठक के घर पर रह रहे थे। जिनको कुछ दिन पहले बुखार आया था। घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज शुरु हो गया था। लेकिन बुखार नहीं उतरने पर तीसरे दिन उन्हें एम्स ले जाने की सलाह दी गई। जिसके बाद से उनका एम्स में उपचार चल रहा था। ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर होगा बहुगुणा का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सुंदर लाल बहुगुणा को मिले पुरस्कार और सम्मान
वर्ष 1981 पद्मश्री ( इसे बहुगुणा ने नहीं लिया )

वर्ष 1986 जमनालाल बजाज पुरस्कार

वर्ष 1987 राइट लाइवलीहुड अवार्ड

वर्ष 1989 आईआईटी रुड़की द्वारा डीएससी की मानद उपाधि

वर्ष 2009 पद्मविभूषण इसके अलावा राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, शेरे कश्मीर अवार्ड समेत दर्जनों अन्य छोटे बड़ पुरस्कार भी इन्हें दिए गए। विश्वभारती विवि शांतिनिकेतन ने भी इन्हें डाकटरेट की मानद उपाधि प्रदान की।

सुंदर लाल बहुगुणा पर प्रमुख पुस्तकें

इकोलोजी इज द परमानेंट इकोनोमी ले: जार्ज जेम्स टेक्सास विवि

हिमालय में महात्मा गांधी के सिपाही सुंदर लाल बहुगुणा: केएस वाल्दिया

फारेस्ट एंड पीपुल्स : भारत डोगरा

धरती करे पुकार : राजकमल प्रकाशन

 

 

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