उत्तराखण्ड

इन्हीं वजहों से कैंट बोर्ड का चुनाव हुआ रद्द ?

देहरादून, जन केसरी। चुनाव रद्द होने के वास्तविक कारण क्या है, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। पर यह माना जा रहा है कि कैंट बोर्ड के नगर निकायों से सटे सिविल क्षेत्रों को संबंधित निकाय में जोड़ने की कवायद इसकी मुख्य वजह हो सकती है। इसके अलावा कैंट क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, अवैध निर्माण करने वालों के नाम मतदाता सूची से बाहर किए जाने हैं। अलग-अलग कैंट क्षेत्रों में ऐसे मतदाताओं का यह आंकड़ा काफी बड़ा है। जिसका विभिन्न राज्यों में विरोध भी होने लगा है। खासकर उन पांच राज्यों में जहां आगामी नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंचा। पीएमओ ने रक्षा मंत्रालय को तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव पर पुन: विचार करने की बात कही थी।
उपाध्यक्ष के लिए सीधा चुनाव!
कैंट बोर्ड के चुनाव टलने का कारण उपाध्यक्ष पद के लिए सीधे चुनाव भी एक वजह माना जा रहा है। माना जा रहा है कि चुनाव नियमावली में संशोधन के बाद बोर्ड में उपाध्यक्ष की शक्तियां बढ़ाई जा सकती हैं। अब तक उपाध्यक्ष का चुनाव सभासद करते हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें उपाध्यक्ष का चुनाव वार्ड सदस्यों की तरह सीधे जनता से कराने की पुरजोर वकालत की गई थी।
जन केसरी की खबर पर सच की लगी मुहर् 
विश्वसनीय न्यूज पोर्टल जन केसरी की खबर पर सच की मुहर लगी है। जन केसरी ने तीन दिन पहले ही चुनाव रद्द की संभावना को प्रकाशित कर दिया था। इसके बाद से ये सूचना तेजी से वायरल होने लगी थी। आखिरकार शुक्रवार शाम इस खबर पर मुहर लगी। रक्षा मंत्रालय ने कैंट चुनाव को स्थगित कर दिया है। चुनाव कब होंगे इसके बारे में बहुत जल्द मंत्रालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

उम्मीदवारों के सपने चकनाचूर

छावनी परिषद में सभासद बनने की उम्मीद संजोए जनप्रतिनिधियों को बड़ा झटका लगा है। यहां पिछले एक साल से विकास की बागडोर वैरी बोर्ड के हाथ है। चुनाव रद होने के कारण अभी यही व्यवस्था चलती रहेगी। चुनाव स्थगित से इन नेताओ में काफी रोष है। कईयों के काफी आर्थिक नुकसान हुआ है।

 

 

 

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