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फिर मत कहना चेताया नहीं था, नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे पर चीन की फिर घुड़की

नई दिल्ली। ताइवान को लेकर एक नए पैटर्न की राजनीति करवट लेती दिख रही है क्योंकि इस पर अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने-सामने आते दिख रहे हैं। अमेरिकी संसद के सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी मंगलवार को ताइवान की यात्रा पर जा रही हैं। इस पर चीन भड़का हुआ है। उसने कहा कि अगर वो ताइवान जाती हैं तो चीनी सेना चुप नहीं बैठेगी। चीन ने घुड़की के लहजे में बताया कि फिर मत कहना कि चेतावनी नहीं दी थी। उधर चीन की धमकी पर अमेरिका का भी बयान सामने आया है।

चीन की तरफ से अमेरिका को दी गई धमकी!
दरअसल, चीन की धमकियों के बावजूद नैन्सी पेलोसी अधिकारियों के साथ ताइवान यात्रा पर जाएंगी। पेलोसी चार एशियाई देशों की यात्रा कर रही हैं, सबसे पहले वह सिंगापुर पहुंचीं हैं। इसके बाद ताइवान की संभावित यात्रा पर तिलमिलाए चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमेरिका को फिर से चेतावनी देना चाहता है कि अगर पेलोसी ताइवान गईं तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी खाली नहीं बैठेगी।

‘गंभीर राजनीतिक प्रभाव का कारण बनेगी यह यात्रा’
चीन के आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया कि चीन निश्चित रूप से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ और मजबूत जवाबी कदम उठाएगा। अमेरिका को एक-चीन सिद्धांत और यूएस-सिनो विज्ञप्ति पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के वादे का पालन करना चाहिए। यह भी कहा गया कि अमेरिकी सरकार में तीसरी नंबर की अधिकारी’ के रूप में पेलोसी की ताइवान की यात्रा ‘गंभीर राजनीतिक प्रभाव का कारण बनेगी।

फिर US ने किया पलटवार- तनाव बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं
उधर अमेरिका की तरफ से चीन के इस बयान पर प्रतिक्रिया भी सामने आई है। व्हाइट हाउस ने सोमवार को स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ‘ताइवान की यात्रा’ पर चीन की बयानबाजी की निंदा की है। बयान में कहा गया कि अमेरिका को बीजिंग के साथ तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जॉन किर्बी ने भी इस बाबत एक बयान दिया है और कहा है कि यह यात्रा अध्यक्ष पर निर्भर है। हम उनकी यात्रा के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन अध्यक्ष को ताइवान जाने का अधिकार है।

यात्रा के मद्देनजर अमेरिकी सेना भी तैयार!
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी ‘एक चीन नीति’ के बारे में कुछ भी नहीं बदला है जो ताइवान संबंधी अधिनियम द्वारा निर्देशित है। हम ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में चीन भड़काऊ बयानबाजी और दुष्प्रचार का इस्तेमाल करेगा। उधर यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने मीडिया से कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान जाती हैं और वहां पर उनको किसी भी प्रकार की सैन्य सहायता की जरूरत पड़ती है तो हम वो करेंगे।

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