कहीं आतंकवाद की दस्तक तो नहीं मकसूदां थाना बम ब्लास्ट!
आतंकवाद के काले दिनों के बाद प्रदेश के किसी थाने में दशकों बाद कोई धमाका सुनाई दिया। महानगर के मकसूदां थाने के अंदर हुए इस धमाके ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। इसने कहीं न कहीं इस बात का संकेत दे दिया है कि कहीं यह प्रदेश में दोबारा आतंकवाद की दस्तक तो नहीं है।
धमाके के तुरंत बाद जहां डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा मौके पर पहुंचे, वहीं पुलिस कमिश्रर पी.के. सिन्हा भी आतंकी संगठनों के हाथ होने से इंकार नहीं कर रहे हैं। दरअसल बरगाड़ी कांड को लेकर आई जस्टिस रणजीत कमीशन की रिपोर्ट के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में दोबारा देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो सकती हैं। जस्टिस रणजीत कमीशन रिपोर्ट के बाद जिस तरह से अकाली दल की राजनीति हाशिए पर चली गई है, से राज्य के भीतर एक राजनीतिक शून्य पैदा हो गया है क्योंकि राज्य की कानून व्यवस्था पहले ही काफी बिगड़ी हुई है और मौजूदा सरकार के कामकाज से कोई भी संतुष्ट नहीं है।
ऐसे में अकाली दल की बिगड़ती राजनीति ने राज्य के राजनीतिक माहौल को भी बिगाड़ कर रख दिया है। ‘पंजाब केसरी’ ने इस बात की आशंका पहले ही जता दी थी कि बिगड़े राजनीतिक माहौल का देश विरोधी ताकतें फायदा उठा सकती हैं। मकसूदां थाने में धमाके की गूंज भी कहीं न कहीं इसी बात का संकेत देती हैं। अगर थाने के अंदर हुए इस धमाके के भीतर कहीं न कहीं आतंकी संगठनों का हाथ होने का इनपुट मिलता है तो यह राज्य के लिए आने वाले दिनों के लिए एक गंभीर संकेत है। राज्य में हिंदू संगठन पहले ही आतंकियों के निशाने पर चल रहे हैं। पाकिस्तान के अलावा इटली, कनाडा व इंगलैंड से भी आतंकी संगठनों को भरपूर मदद मिल रही है।
अकाली दल पहले ही इस बात का संकेत दे चुका है कि कैप्टन सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए छुपे हुए पंथक राजनीतिक एजैंडे को सामने ला रही है, जिससे प्रदेश में दोबारा आतंकवाद दस्तक दे सकता है। पिछले तकरीबन डेढ़ साल में प्रदेश की कानून व्यवस्था भी हाशिए पर चल रही है। ऐसे में मकसूदां थाने के पास हुए धमाकों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। मौके पर पहुंचे डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। दूसरी तरफ खुफिया एजैंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं और राज्य भर में पुलिस को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है।
डी.जी.पी. फील्ड में तो पुलिस भी एक्टिव
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा शुक्रवार को शहर में थे। शहर में डाक्टरों के एक फंक्शन में डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा चीफ गैस्ट थे। जैसे ही प्रोग्राम के दौरान उन्हेंं मकसूदां थाने में हुए ब्लास्ट के बारे में पता चला तो उनके काफिले ने तुरंत थाने की तरफ मूव किया। डी.जी.पी. के फील्ड में उतरते ही कमिश्नरेट पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। रात को अक्सर गहरी नींद में सोने वाली कमिश्नरेट पुलिस डी.जी.पी. के फील्ड में आते ही एक्टिव हो गई। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर देर रात तक पुलिस एक्टिव नजर आई और सभी संदिग्ध वाहनों की तलाशी ली गई।