खुलासा: कैंट बोर्ड के एक अधिकारी ने ना नौकरी दी और ना ही लौटा रहे रकम
देहरादून। सालों बाद कैंट बोर्डों में निकली भर्ती हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने स्थगित कर दिया। इधर, युवाओं को पक्की नौकरी दिलाने का वादा कर कैंट बोर्ड के एक साहब फंस गए हैं। चूकि भर्ती स्थगित हो गई और साहब ने कुछ बेरोजगारों से एडवांस पकड़ लिया है। अब साबह पैसे वापस नहीं कर रहे हैं। युवाओं को लॉलीपप दे रहे हैं कि बहुत जल्द एक प्रपोजल बनाकर कमांड भेजा जा रहा है। उसी के आधार पर नौकरी दे दी जाएगी।
उत्तराखंड में कुल नौ कैंट बोर्ड है। जिमसें चकराता, लैंसडाउन, रूड़की, देहरादून, क्लेमेनटाउन, लंढौर, अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल छावनी शामिल है। इन बोर्डों में सालों बाद भर्तियां निकली थी। जिसके लिए बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किया है। सूत्र ने बताया कि एक कैंट बोर्ड के अधिकारी ने कुछ युवाओं से पक्की नौकरी लगाने को डील किया था। इसके एवज में उन्होंने कुछ एडवांस रकम भी ली है। इधर, भर्ती स्थगित हो गई है। जिसके बाद से ये युवा अब रकम वापस मांग रहे हैं। सूत्र ने बताया कि अधिकारी ने इन सभी को आश्वासन दिया है कि वह दोबारा से एक प्रपोजल कमांड को भेज रहे हैं। उसके आधार पर फिलहाल अस्थाई नौकरी पर लगा देंगे। बाद में स्थाई कि कोशिश करेंगे। अब ये युवा परेशान हैं। इधर की बात उधर फैला रहे हैं। जिसके चलते अधिकारी भी डरे हुए हैं।
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने में खेल
कैंट बोर्ड का चुनाव भी स्थगित हो गया है। हालांकि चुनाव स्थगित होने के आदेश से पहले कैंट बोर्ड के एक अधिकारी ने मतदाता सूची में वोटरों के नाम जोड़ने को लेकर भी खेल खेला है। सूत्र ने बताया कि बड़े पैमाने पर पुराने वाले वोटर लिस्ट में नये नाम जोड़े गए हैं। इसके एवज में दावेदारों ने पैसे भी दिए। लेकिन किस्मत खराब चुनाव रद्द हो गई। जिन नेताओं ने नाम जुड़वाने के लिए पैसे दिए उनको करारा झटका लगा है। जबकि जिन्होंने पैसा लिया वह मौज काट रहे हैं। वोटर लिस्टों की सीबीआई जांच हुई तो चौकाने वाले खुलासें होंगे। ये खेल कई कैंट बोर्डों के वोटर लिस्ट में हुआ है। विस्तृत रिपोर्ट बहुत जल्द।