उत्तराखण्डदेहरादून

गंदी राजनीति: कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष का एलान, 12 को करेंगे आत्मदाह, आत्मदाह को उकसाने पर कौन होगा जिम्मेदार

देहरादून। गढ़ी में सिंचाई विभाग की जमीन से हटाये गए अतिक्रमण के खिलाफ क्षेत्र में अब खुलकर गंदी राजनीति शुरू हो गई है। ये राजनीति रेहड़ी ठेली और बेरोजगारों की आड़ में खेली जा रही है। यहां तक कि कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 12 तारीख को कैंट बोर्ड कार्यालय के सामने सामुहिक आत्मदाह करने की चेतावनी तक दे दी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि गरीबों को आत्मदाह के लिए क्यों उकसाया जा रहा है। खुदा न खास्ता अगर किसी ने आत्मदाह कर ली तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
पिछले माह कैंट बोर्ड ने सिंचाई विभाग की जमीन से गढ़ी व प्रेमनगर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाते हुए सरकारी जमीन से रेहड़ी और ठेली वालों को हटाया था। उस दिन किसी भी रेहड़ी ठेली वालों ने खुलकर विरोध नहीं किया था। लेकिन इस अभियान के दो दिन बाद क्षेत्र में राजनीति शुरू हो गई। इसके बाद इस अभियान का विरोध शुरू हो गया। भाजपा नेता बेरोजगारों के समर्थन में मंत्री गणेश जोशी से मिलकर पुन: सीमित संख्या में रेहड़ी ठेली लगाने की मांग की। इधर, कैंट युवा समिति ने इस अभियान को बेहतर बताते हुए मंत्री जोशी, डीएम, कैंट थानाध्यक्ष और कैंट बोर्ड के सीईओ को बधाई दी। इसके बाद से गंदी राजनीति शुरू हो गई। कैंट युवा समिति का कहना है कि क्षेत्र की जनता जब से अतिक्रमण हटा है तब से काफी खुश हैं। वहीं, रेहड़ी ठेली वालों के समर्थन में विष्णु गुप्ता आत्मदाह की बात कर रहे हैं।

कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा ये पोस्ट फेसबुक पर अपलोड़ किया गया है। ( जन केसरी)
कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा ये पोस्ट फेसबुक पर अपलोड़ किया गया है। ( जन केसरी)

जिनकी चल रही है चार-चार गाड़ियां वह भी कर रहे विरोध
बेरोजगारों व गरीबों का विरोध कहीं न कहीं जायजा है। लेकिन जिनकी चार-चार गाड़ियां चल रही है वह भी विरोध कर रहे हैं। इससे ये स्पष्ट होता है कि रेहड़ी ठेली वालों के आड़ में कई ऐसे लोग हैं जो बड़ा कारोबार कर रहे थे। विरोध करने वालों में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जो ठेली नहीं लगाते हैं। लेकिन वह भी विरोध कर रहे हैं। इसके पीछे राजनीति है या कोई और उद्देश्य है ये तो वही जाने।
गिरासु भवन पर आखिर विवाद क्यों
बरसात और सुरक्षा को देखते हुए कैंट बोर्ड ने 20 से ज्यादा लोगों को गिरासु भवन से संबंधित नोटिस भेजा है। ताकि किसी हादसे से पहले इस भवन को गिराया जा सके। इधर, दो दिन पहले एक गिरासु भवन को भेजे गए नोटिस के बाद विवाद शुरू हो गया है। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता का कहना है कि नोटिस भेजने के बाद किसी को भी इसके लिए समय दिया जाता है। लेकिन कैंट बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। जिसका विरोध किया जा रहा है। हालांकि नियमानुसार गिरासु भवन को कैंट बोर्ड नोटिस भेज सकता है।

कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा ये पोस्ट फेसबुक पर अपलोड़ किया गया है। ( जन केसरी)
कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा ये पोस्ट फेसबुक पर अपलोड़ किया गया है। ( जन केसरी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button