हीरा पड़ा कबाड़ में कांच बिक गया- पूजा यादव
देहरादून। जन केसरी
देहरादुन की युवा बॉक्सर एवं होनहार खिलाड़ी पूजा यादव वर्तमान में जिला क्रिड़ा कार्यालय देहरादून में बतौर कोच हैं। वह युवाओं को बॉक्सिंग सिखाती हैं। पूजा यादव राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं। वह लड़कियों को हमेशा संदेश देती हैं कि हम किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर इनको बचपन से कविता लिखने का शौक रहा है। जब भी समय मिलता है वह कविता लिखना शुरू कर देती हैं। पूजा यादव अभी तक दर्जनों कविता लिख चुकी हैं। इन ही कविताओं में से एक है हीरा पड़ा कबाड़ में कांच बिक गया—-
दुनिया तेरे जहां का दस्तूर दिख गया
हीरा पड़ा कबाड़ में कांच बिक गया
धूप की सिकन से पनपा था जो चमन
झूठ की अगन से तार तार जल गया
हंसता रहा फरेब सच की नीलामी पर
चापलूसी के फर्श पर बाज़ार सज गया
ओढ़े लिबास झूठ का जब चला फरेब
सच का सादा पन्न यूं ठगा सा रह गया
दुनिया तेरे जहां का दस्तूर दिख गया
हीरा पड़ा कबाड़ में कांच बिक गया
सब मैं हूं मैं ही हूं मुझसा न कोई यहां
घमंड के आगमन की है ये निशानियां
लो फिर चला आरोप अपना सीना तान
आज सच का राह से कांटा निकल गया
दुनिया तेरे जहां का दस्तूर दिख गया
हीरा पड़ा कबाड़ में कांच बिक गया
– कवित्री पूजा यादव