देख रखा है विनोद: जो काम जाकिर हुसैन और तनु जैन ने नहीं किया वो अब कैंट के सीईओ अभिनव सिंह के पाले में

देहरादून। देख रहा है विनोद: जो काम कैंट बोर्ड देहरादून के पूर्व सीईओ जाकिर हुसैन और तनु जैन ने नहीं किया अब वो काम कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह के पाले में आ गया है। जी हां। यही सच्चाई है। मैं बात कर रहा हूं कैंट क्षेत्र के सबसे बड़े विवादित प्रकरण अमिताभ टैक्स टाइल मील का। इसके अलावा पूर्व में सील किए गए हॉस्टल व कालरा स्वीट्स शॉप का। ये सारे प्रकरण सालों से विवादित रहे। लेकिन अब इन सभी विवादों को सुलझाने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके पीछे वजह जो भी हो लेकिन सच्चाई ये है कि इन प्रकरणों को सुलझाने में कुछ लोग काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
दो दिन पहले कैंट बोर्ड की बैठक में इन सभी मुद्दों को रखा गया था। ताकि इनपर विचार करते हुए समाधान निकाला जा सके। बोर्ड में केहरी गांव क्षेत्र में सील किए तीन हॉस्टल व प्रेमनगर में कालरा स्वीट शॉप के कंपाउंडिंग का मामला रखा गया। बोर्ड ने हॉस्टल पर जेई और राजस्व अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। जबकि कालरा स्वीट शॉप मामले को विधिक राय के लिए भेजा गया है। कैंट बोर्ड के एक स्टॉफ ने बताया कि जो हॉस्टल सील किए गए हैं वह प्रतिबंधित क्षेत्र में आता हैं। ये मामला जीओसी इन सी लखनऊ तक गया था। जिला कोर्ट ने भी कैंट बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया था। जीओसी इन सी के हस्तक्षेप के बाद इन हॉस्टलों को सील किया गया था। वर्तमान में हाईकोर्ट में ये मामला चल रहा है। इधर, कुछ लोगों ने जल्दीबाजी करते हुए इन मुद्दों को बोर्ड प्रस्ताव में रखा दिया। वहीं, अतिमाभ टैक्स टाइल मील प्रकरण तत्कालीज सीईओ जाकिर हुसैन के समय से चल रहा है। ये मामला शुरू से विवादों में रहा। तनु जैन के समय भी लैंड यूज चेंज को लेकर काफी विवाद हुआ था। केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और तत्कालीन डीजी अजय शर्मा के हस्तक्षेप के बाद लैंड यूज चेंच करने के प्रस्ताव को रद्द किया गया था। उस समय भी पैसों की देनदेन की अफवाह तेजी से वायरल हुई थी। अब ये मुद्दा फिर चर्चाओं में है। क्योंकि कुछ लोग एटीएम प्रकरण में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। सूत्र ने बताया कि यहां तक कैंट बोर्ड ने अपने हाईकोर्ट के अधिवक्ता से विधिक राय भी ले ली है। ताकि इस मसले को निपटाया जा सके।
करोड़ों रुपये फंसे हैं लोगों के
एटीएम प्रकरण में प्रेमनगर क्षेत्र के कुछ लोगों का करोड़ों रुपये फंसा हुआ है। वह भी चाहते हैं कि विवादित इन मुद्दों का निपटारा जल्दी से जल्दी किया जा सके। ऐसे में वह लोग भी कुछ बड़े नेताओं और उच्चाधिकारियों के पास हांथ पांव मार रहे हैं। लंबे समय से विवादित इस प्रकरण का जल्द से जल्द समाधान हो भी जाना चाहिए।
इन मुद्दों पर इतनी दिलचस्पी क्यों
कैंट क्षेत्रवासी परेशान हैं। उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। सड़क और पानी के लिए पब्लिक जहोजद् कर रही है। इसके अलावा कैंट क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। जिसकी सूचना कैंट अधिकारियों को भी है। बावजूद इनलोगों के खिलाफ कैंट बोर्ड कोई एक्शन नहीं ले रहा है। इधर, कैंट बोर्ड के तत्कालीन सीईओ ने अवैध निर्माण व कब्जा के खिलाफ जो सख्त कदम उठाये थे अब उसका समाधान करने में कुछ लोग काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जिसका आने वाले समय में मैसेज गलत जाएगा।