आईएमए के अवॉर्ड सेरेमनी में कमांडेंट ने सुनाई शायरी

देहरादून, जन केसरी।
न जाने उम्र भर यह खता करते रहे, धूल चेहरे पर थी पर आईना साफ करते रहे………, कर खुद को बुलंद इतना कि हर तजवीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है—कुछ इस तरह के शेरों शायरी भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने जेंटल मैन कैडेट को देते हुए उनके अंदर जोश भरा। समय था आईएमए का अवार्ड सेरेमनी।
बुधवार को क्षेत्रपाल सभागार में आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने युवा कैडेट्स को संबोधित किया। 141 रेगुलर, 124 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) और 25 यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम कोर्स (यूईएस) के पास होने वाले सैन्य अधिकारियों को उनकी मेहनत का पुरस्कार दिया गया। लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा के मूलमंत्र दिए। उन्होंने कहा कि युद्धभूमि में कोई ‘रनरअप’ नहीं होता है। हमेशा आगे बढ़ने और जीतने की भावना के साथ सेना के सम्मान को बचाए रखना है। नौ दिसंबर को आईएमए की पासिंग आउट परेड का आयोजन होगा। इस बार परेड में 363 भारतीय और 78 विदेशी कैडेट पासआउट होंगे। आयोजित कार्यक्रम में जैंटलमैन कैडेट को मेडल व ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।