उत्तराखण्डदेहरादून

सीबीआरआई ने हरी प्रोजेक्ट को किया लांच

सीएसआईआर की महानिदेशिका डॉ. एन कलैसेल्वी ने किया लांच

रुड़की। सीएसआईआर की महानिदेशिका और विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान विभाग की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) में हाई एल्टीट्यूड रीजनस ऑफ इंडिया (एचएआरआई, हरी) का औपचारिक शुभारंभ किया।
शुक्रवार को सीबीआरआई के सभागार में कार्यक्रम कि शुरुआत सीबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर आर. प्रदीप कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करने के साथ किया। बाल विद्या मंदिर सीबीआरआई स्कूल के छात्रों ने एक नृत्य प्रदर्शनी से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसके बाद क्लाइमिट रिज़िल्यन्ट बिल्डिंग्स (सीआरबी) की आधारशिला रखी गई। यह आयोजन जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा, सेवा, स्थिरता, अर्थव्यवस्था, सौंदर्य, आराम और सामाजिक स्वीकार्यता को ध्यान में रखकर भवन निर्माण के प्रति सीएसआईआर की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। डॉ. कलैसेल्वी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएसआईआर-सीबीआरआई की विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाओं का दौरा किया। उन्होंने हरी की रणनीतिक और सामाजिक महत्ता पर जोर दिया। कहा कि यह लद्दाख जैसे क्षेत्रों के लिए स्थाई बुनियादी ढांचे, ऊर्जा समाधान और पर्यावरण प्रबंधन रणनीतियों को प्रदान कर सकता है। उन्होंने सीबीआरआई के बुनियादी अनुसंधान और विकास आरएण्डडी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने और उत्कृष्ट एवं अनूठी तकनीकों के निर्माण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए प्रस्तुत ऊर्जा-कुशल समाधानों ओर एडवांस्ड सोलर वाटर हीटर और सीबीआरआई की थ्रीडी प्रिंटर्स का उपयोग करके 3-मंजिला इमारत बनाने की पहल की भी प्रशंसा की।
प्रो. आर प्रदीप कुमार ने हरी प्रोजेक्ट कि चुनोतियों और सीबीआरआई की क्षमता के बारे में बताया। कहा कि यह पहल न केवल उच्च-ऊंचाई वाले अनुसंधान में तकनीकी प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बल्कि भारत की रणनीतिक और सामाजिक भलाई में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा हरी पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। जिसमें उन्होंने लेह लद्दाख के लोगों द्वारा जिन वर्तमान चुनोतियों का सामना किया जा रहा है उनपर विशेष चर्चा की। इसमें ड्राई टॉयलेट्स, पानी की कमी, वॉटर हीटर की इफिशन्सी में कमी के कारण जादा ऊर्जा का प्रयोग और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली की कम उपलब्धता जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। डॉ. नवीन, डॉ. बिष्ट , डॉ. मैथी, डॉ. चन्दन, निर्मल, डॉ.नागेश, डॉ.किशोर ने प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी। वैज्ञानिक एसके नेगी द्वारा धन्यवाद प्रस्तुत किया गया। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. कानूनगो, डॉ. हरपाल , डॉ. थपलियाल, नदीम, डॉ. लीना , डॉ. अरोड़ा , डॉ. राजेश , डॉ. एके सिंह , अविनाश , परवेश, डॉ. जीशान , डॉ. गणेश , डॉ. आशीष , कुमुद सिंह, आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button