कैंट बोर्ड: फोटो देखकर पहचान लो सीबीआई ने इनको किया गिरफ्तार
सीईओ पर भी कस सकता है शिकंजा
देहरादून। जन केसरी
सीबीआई की टीम ने गुरुवार को कैंट बोर्ड कार्यालय में छापेमारी कर रिश्वत लेने के मामले में एक बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जबकि दो अन्य को सीबीआई की टीम हिरासत में लेकर उनसे सख्ती से पूछताछ कर रही है। इधर, कैंट बोर्ड के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सीबीआई की टीम इन तीनों से कार्यालय के एक कक्ष में फिलहाल पूछताछ कर रही है। कार्यालय के दोनों मेन गेट सीबीआई ने बंद करा दिए हैं। जिससे की बाहर से कोई व्यक्ति अंदर ना आ सके। सीबीआई कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह से भी पूछताछ कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम ने कैंट बोर्ड के टैक्स अनुभाग में कार्यरत बाबू रमन अग्रवाल को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। ये लेनदेन कैंट कार्यालय के जेई बालेश भटनागर के कमरे में हो रही थी। ऐसे में टीम ने जेई बालेश भटनागर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इसके अलावा कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा को भी टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सीबीआई की एक टीम शैलेंद्र शर्मा के प्रेमनगर स्थित आवास पर भी छापेमारी कर जांच पड़ताल कर रही है। शिकायतकर्ता वेद प्रकाश गुप्ता प्रेमनगर के स्मिथनगर निवासी बताये जा रहे हैं।
हालांकि देर शाम सीबीआई की टीम ने रमन अग्रवाल और शैलेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी दिखाई। आरोप है कि म्यूटेशन के नाम पर इन दोनों ने एक शिकायतकर्ता से 50 हजार की डील की थी। जिसमें से वे 25 हजार रुपये देने कैंट कार्यालय आया हुआ था।
भ्रष्टाचार का अड्डा बना कैंट बोर्ड
सही मायने में कहा जाए तो देहरादून का कैंट बोर्ड कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। यहां कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारियों की उपरवार कमाई तय है। यही वजह है कि आये दिन सीबीआई की टीम कैंट बोर्ड कार्यालय में छापेमारी करती है। लेकिन यहां के अधिकारी व कर्मचारी ढींठ हो गए हैं। उपरवार कमाई के बिना उनका पेट ही नहीं भरता है। इस कार्यालय में कोई भी काम बिना घूस दिए नहीं होता है।
सीबीआई पर सवाल
सीबीआई की टीम भले ही किसी कर्मचारी को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन बड़े मगर मच्छों तक इनके हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। पिछले कई सालों से कैंट बोर्ड के सीईओ पद पर कार्यरत अधिकारी भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। सही तरीके से इनकी जांच की जाए तो कई जेल जाएंगे। क्योंकि अधिकारियों के बिना किसी मिलीभगत मजाल नहीं है कि कोई कर्मचारी किसी से रिश्वत ले।
सीईओ से थी रमन अग्रवाल की नजदीकियां
कैंट बोर्ड के नए सीईओ अभिनव सिंह और टैक्स विभाग में कार्यरत रमन अग्रवाल के बीच अच्छे संबंध बताये जा रहे हैं। सीईओ अभिनव सिंह ने पद संभालने के कुछ ही दिन बाद रमन अग्रवाल को लीगल एडवाइजर भी बना लिया था। यहां तक कि कई बार रमन अग्रवाल के बाइक पर सीईओ अभिनव सिंह को कहीं आते जाते हुए देखा गया है। हालांकि इससे भ्रष्टाचार का कोई लेनादेना नहीं है।
एक सप्ताह पहले ही सीबीआई ने दी थी दस्तक
एक सप्ताह पहले ही सीबीआई की टीम ने कैंट बोर्ड कार्यालय में दस्तक दी थी। उस दौरान टीम ने रमन अग्रवाल और जेई नवनीत क्षेत्री को अपने साथ प्रेमनगर ले गई थी। क्षेत्र में जहां जहां अवैध मोबाइल टॉवर लगे हैं इसकी जांच पड़ताल की। मजे की बात ये है कि उसी दिन शाम के समय कैंट बोर्ड ने बकायदा एक प्रेस रिलीज जारी कर अपना पक्ष रखा था। लेकिन शायद उनको पता नहीं था कि सीबीआई की टीम की नजर कहीं और थी।
तो नए सीईओ कि किस्मत है खराब
कैंट बोर्ड के नए सीईओ अभिनव सिंह के शायद किस्मत खराब है। अभी उनके कार्यकाल छह माह के भी पूरे नहीं हुए हैं। इस बीच सीबीआई की टीम ने दो बार कैंट बोर्ड में दस्तक दे चुकी है। इससे कहीं न कहीं उनकी छवि भी जनता के बीच खराब हो रही है। इससे पूर्व में सीईओ रही तनु जैन में सवालों में घेरे में है।
बयान:::::
जबसे आया हूं तबसे पारदर्शिता के साथ काम कर रहा हूं। जितने पेंडिंग मामले थे लगभग सभी निपटा दिए थे। शिकायकर्ता को भी बोला कि अगर कोई रिश्वत मांग रहा था तो एक बार के लिए हमेशा ही मिल लिया होता। समस्या का समाधान हो गया होता। ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। कहीं न कहीं मेरी इन कर्मचारियों की वजह से छवि खराब हो रही है। अभिनव सिंह, सीईओ कैंट बोर्ड देहरादून