बड़ी खबर: देहरादून में खुलेगा रक्षा संपदा कार्यालय, राखीखेत में होगा उप रक्षा संपदा कार्यालय
देहरादून। जन केसरी
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लिए बड़ी घोषणा की है। उत्तराखंड में दो रक्षा संपदा कार्यालय खोलने पर मुहर लग गई है। जानकारी के अनुसार देहरादून में रक्षा संपदा कार्यालय खोला जाएगा। जबकि रानीखेत में उप रक्षा संपदा कार्यालय होगा। मंत्रालय ने डीईओ मेरठ और डीईओ बरेली से देहरादून और रानीखेत को अलग करते हुए नया कार्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से छावनी क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बता दें कि देहरादून में रक्षा संपदा कार्यालय खोलने की मांग लंबे समय से चल रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय से इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए हैं।
छावनी परिषद् रक्षा सम्पदा कार्यालय के अधीन ही आता है। जिसे डीईओ भी कहा जाता है। ये कार्यालय वर्तमान में मेरठ और बरेली में है। छावनी परिसद के विभिन्न कामों के लिए लोगों व कैंट अधिकारियों को डीईओ मेरठ और बरेली पर निर्भर रहना पड़ता है। देहरादून में मुख्य कार्यालय और उप कार्यालय के रानीखेत में खुलने से रक्षा सम्पदा सम्बन्धी कई काम जिसमे दाखिल ख़ारिज, भवनों का नक्शा पास करना जैसे कई काम आसानी से हो जायेंगे। इसके साथ ही नगर के आस पास बंद मार्गो को खोलने के सम्बन्ध में भी आगे सफलता मिलने की संभावना है। कैंट क्षेत्र में रह रहे लोगों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का आभार व्यक्त किया है।
इतने स्टॉफ करेंगे कार्य
देहरादून डीईओ कार्यालय में कुल 27 स्टॉफ कार्य करेंगे। कुछ नये स्टॉफ की भर्ती होगी। हालांकि शुरुआती चरण में डीईओ मेरठ और डीईओ बरेली से कुछ कर्मचारियों का ट्रांसफर देहरादून में किया गया है।
डीईओ देहरादून और राखीखेत में ये क्षेत्र होंगे शामिल
डीईओ देहरादून के अंतर्गत चमोली, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी के क्षेत्र आयेंगे। इसमें चकराता, क्लेमनटाउन, देहरादून, लंढौर, लैंसडाउन, रूड़की, नैनीताल, अल्मोड़ा तथा रानीखेत कैंटबोर्ड का क्षेत्र होगा। इसके अलावा देहरादून और जोशीमठ, रायवाला तथा हर्षिल मिलिट्री स्टेशन भी इसके अंडर आयेग। वहीं, सब ऑफिस रानीखेत के अंतर्गत नैनीताल, अल्मोड़ा, उधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर तथा चंपावत क्षेत्र है। इसमें रानीखेत, पिथौरागढ़, धाराचूला, चंपावत, आरटीसी डिपो हेमपुर एंड एएफ भोवाली मिलिट्री स्टेशन शामिल है।
ये होंगे फायदें
मिली जानकारी के अनुसार पीपीई एक्ट 1971 के तहत जो कार्रवाई होती थी इस मामले में खूद डीईओ ही लोगों की समस्याओं को सुनता है। ऐसे में लोगों को इसके लिए मेरठ जानी पड़ती थी। म्यूटेशन, नामांकन, ओल्ड ग्रांड बंगलो, लीज प्रोपर्टी आदी के लिए भी लोगों को अब मेरठ व बरेली के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वहीं डीईओ देहरादून में खुल जाने से आर्मी को भी काफी सहुलिय मिल गई है। क्योंकि मेरठ जाने के बाद कई बाद डीईओ से मुलाकात नहीं होती थी। अब सभी काम आसान हो जायेंगे। डीईओ देहरादून का प्रभार फिलहाल क्लेमनटाउन सीईओ कौशल गौतम को दी गई है।