छह अप्रैल को रिलीज होगी फिल्म सुबेदार जोगिंदर सिंह, दिलचस्प है ये स्टोरी
देहरादून। जन केसरी
1962 का भारत चीन युद्ध भले ही भारतीयों के लिए एक सुखद याद ना हो पर हमारे वीरों का बलिदान पुरे राष्ट्र को गौरवान्वित कर देता हैं। यह युद्ध उस समय हुआ था जब भारत आजादी और बटवारे के बाद दोबारा अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था। पुराने घाव अभी भरे भी नहीं थे की तभी अक्टूबर 1962 के आखिर में चीन ने भारत के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंक दिया जिसकी भारत ने कभी कल्पना भी नहीं की थी
यह दोनों देश दोस्ती का प्रायवाची माने जाते थे। पर यह मित्रता का स्वांग सामने तब आया जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन से लेकर नेफा तक एक साथ हमला बोल दियाण् इस आकस्मक हमले का हिन्दुस्तानी सेना ने हिम्मत और जज्बे के साथ सामना किया। इसी दौरान बुमला क्षेत्र के तोंग्पें ला इलाके स्थित आईबी रिज पर पहली सिख रेजिमेंट को तैनात किया गयाण् भले ही चीनी भारतीयों से संख्या बल में अधिक थे पर यह बात डेल्टा कम्पनी की ग्यारहवीं पलटन के कमांडर सूबेदार जोगिन्दर सिंह के इरादों को पस्त नहीं कर पाई। जब चीनिओं ने हमला बोला 200-200 टुकड़ी में तब सिख रेजिमेंट ने उनका डट कर सामना तो किया पर धीरे-धीरे उनमे से काफी वीरगति को प्राप्त हो गए थे अथवा उनका असला भी खत्म होने की कगार पर थाण् यही नहीं सूबेदार जोगिन्दर सिंह को खुद जांघ पर गोली लगी थी फिर भी उन्होंने ना तो मैदान छोड़ा और ना ही घुटने टेकेण् यह सिर्फ प्रेरणादायक ही नहीं बल्कि यह भी दर्शाता हैं की वो मातृभूमि को कितना स्नेह करते थे ! परम वीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिन्दर सिंह की जीवनी पर आधारित यह फिल्म विश्वभर में 6 अप्रैल 2018 को रिलीज होने वाली हैं!