बिना किताब पढ़ रहे हैं एनसीईआरटी के छात्र
रुड़की। सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाई जाती हैं। लेकिन अभीतक सभी कक्षाओं से संबंधित किताबें बुक शॉप्स पर उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। इधर, सरकारी सभी स्कूलें भी खुल गई हैं। ऐसे में ये बच्चे बिना किताब रोजाना पढ़ने के लिए स्कूल जा रहे हैं। वहीं, बच्चों को किताबें नहीं मिलने की वजह से अभिभावक भी परेशान हैं।
सरकारी स्कूल समेत केंद्रीय विद्यालयों में भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाती हैं। इन स्कूलों में नए सत्र में दाखिला भी शुरू हो गया है। स्कूल भी खुल गए हैं। ऐसे में अब नए किताबों के लिए छात्र समेत अभिभावक दुकानों का चक्कर काट रहे हैं। एनसीईआरटी की सभी कक्षाओं की किताबें अभी इन दुकानों में उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है। इधर, एनसीईआरटी ने ऑफिसिलय अपने पेज से एक संदेश जारी किया है। जिसमें लिखा है कि एनसीईआरटी समय पर स्कूली किताबें उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। कक्षा 1,2, 7,8,10 और 12 की लगभग 33 लाख पुस्तकें प्रिंट कराकर बुकशॉप्स में पहुंचा दी गई है। कक्षा 3 और 6 की नए पाठ्यक्रम की पुस्तकें अप्रैल और मई में क्रमश: छप जाएंगी। कक्षा 4, 5,9 और 11 की पुस्तकें अप्रैल माह में बाजार में आ जाएंगी। सभी छात्रों एवं अभिभावकों से अनुरोध है कि वे धैर्य रखें और परेशान ना हों।
बातचीत::::
केंद्रीय विद्यालय एक अप्रैल को खुल गया था। रोजाना बच्चा पढ़ाई के लिए जाता है। लेकिन अभीतक उसके पास किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी है। कई बार दुकान का चक्कर लगा दिया हूं। हर बार दुकान संचालक का कहना होता है कि अभी किताबें छपकर नहीं आई हैं। पीपी कोटनाला, सैनिक कॉलोनी
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इस साल बेटी कक्षा तीन में गई है। सारी कॉपियां खरीद ली है। लेकिन किताबें अभी किसी भी दुकान पर उपलब्ध नहीं है। कई बार रुड़की के अलग अलग बुक स्टोर का चक्कर लगा चुका हूं। समय से किताब नहीं मिलेगा तो बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे। मोहम्मद कासिम अंसारी, मलकपुर चुंगी
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किताबें समग्र शिक्षा के माध्यम से मिलती हैं। ऑर्डर हो रखे हैं। किताबें छपनी भी चली गई है। उम्मीद है कि किताबें जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएगी। कोशिश है कि किताबें जल्द उपलब्ध कराई जाए। आशुतोष भंडारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक