उत्तराखण्डदेहरादून

खुलासा: 500 रेडी-ठेली वालों में से सिर्फ 50 ही क्यों कर रहे हैं विरोध

देहरादून। गढ़ी में सिंचाई विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद कैंट बोर्ड पर लोग तरह तरह के सवाल उठा रहे हैं। ज्यादातर लोग इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। तो कुछ सीमित लोग इसका विरोध कर रहे हैं। जन केसरी की टीम ने इस बाजार का दौरा किया। स्थानीय लोगों से बातचीत की। रेडी ठेली वालों से भी फीडबैक लेने की कोशिश की। पड़ताल के दौरान ये बात सामने आई की करीब 500 रेडी-ठेली वालों में से गिनती के 50 ही इसका विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले गरीब नहीं है। ये लोग ठेलियां लगवाते हैं। शुद्ध ब्याज पर पैसा चलाते हैं। ऐसे में इनका कारोबार ठप होने जा रहा है। जिसके चलते ये बौखला गए हैं।
स्थानीय लोग उन नेताओं का भी विरोध कर रहे हैं जो ऐसे रेडी-ठेली वालों का समर्थन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि राजनीति सिर्फ वोट बैंक की नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समय आने पर ऐसे लोगों को वोट की चोट से जनता सबक सिखाएगी। लोगों ने कहा कि रेडी-ठेली लगनी चाहिए। लेकिन एक व्यवस्थित ढंग से। जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कत ना हो। ठेली वालों का सत्यापन भी जरूरी है।
पशु पालन विभाग की जमीन से कब हटेगा कब्जा
प्रेमनगर में पशु पालन विभाग की जमीन पर भी इसी तरह के कब्जे हैं। स्थानीय लोग कैंट बोर्ड से उम्मीद कर रहे हैं कि गढ़ी की तरह प्रेमनगर में भी अभियान चलाया जाएगा। जिससे की लोगों को राहत मिल सके। यहां पर भी बड़ी संख्या में बाहर से आए लोग अतिक्रमण कर कारोबार कर रहे हैं।
जिस प्रोपर्टी में लग रही है सब्जी मंडी वह काट रहा है चांदी
गढ़ी में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने के बाद गढ़ी में ही कुछ लोगों की निजी प्रोपर्टी में ये मंडियां लगने लगी है। कुछ हद तक ठीक भी है। लेकिन इन ठेली वालों से प्रतिदिन 100-300 रुपये प्रोपर्टी मालिक वसूल रहा है। ऐसे में कैंट बोर्ड अब इन निजी प्रोपर्टी वालों पर भी कॉमर्शियल टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। क्योंकि यहां से काफी संख्या में रोजाना कूड़ा निकल रहा है।

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