उत्तराखण्ड

बॉर्डर एरिया में होगी उत्तराखंड के हजारों पूर्व सैनिकों की तैनाती

उत्तराखंड। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार सीमांत (बॉर्डर एरिया) में पलायन रोकने के लिए हिम प्रहरी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत दस हजार पूर्व सैनिकों, अर्द्धसैनिकों और युवाओं को प्रशिक्षित कर सीमांत में तैनात किया जाएगा। गुरुवार को हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर राज्य की तैयारी का खाका पेश किया। धामी ने कहा कि सीमांत गांव देश के प्रथम प्रहरी हैं और इनका समुचित विकास करना सरकार का कर्तव्य है। इन क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए स्थानीय युवाओं को एनसीसी से जोड़ने का अभियान चल रहा है।

इसी प्रकार राज्य के 10 हजार सेवानिवृत्त सैनिकों, अर्द्धसैनिकों और युवाओं को सीमा सुरक्षा को लेकर प्रशिक्षित कर सीमांत में तैनात करने के लिए हिम प्रहरी योजना पर काम चल रहा है। जिसमें केंद्र सरकार से प्रतिमाह पांच करोड़ रुपए की सहायता अपेक्षित है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ाने के लिए इनर लाइन प्रतिबंध में छूट के लिए भी केंद्र से अनुरोध किया गया है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के साथ ही तिब्बत, चीन और नेपाल के साथ सीमा साझा करता है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को राज्य सर्वोच्च स्थान देता है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों के निवासी लाभांवित होंगे। इससे महिलाओं की स्थिति में खासकर सुधार आएगा।

सीमांत में आधारभूत विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत पांच-छह साल में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली में 13 सड़कों पर लगभग 600 किमी का निर्माण चल रहा है। उत्तराखंड में देश के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान और कार्यालय स्थित हैं, जिनकी सुरक्षा का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकार पर है। इसी प्रकार राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों और चार धाम, कांवड यात्रा में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का दायित्व भी राज्य सरकार पर है। इसके लिए भी निरंतर केन्द्र सरकार से सहयोग की जरूरत रहती है।

उत्तराखंड को आपदा राहत के लिए मिले हेलीकॉप्टर
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में बहुत से गांवों में आज भी राजस्व पुलिस ही नियमित पुलिस के कार्यों को देख रही है। लेकिन अब सरकार ने राजस्व पुलिस क्षेत्रों को चरणबद्ध रूप से नियमित पुलिस को दिए जाने का निर्णय लिया है। सीएम ने नए थानों, पुलिस चौकियों के साथ ही पुलिस कार्मिकों की आवासीय सुविधा के लिए राज्य सरकार को विशेष अनुदान के रूप में एकमुश्त 750 करोड़ रुपए देने की मांग उठाई। महिला सुरक्षा के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐप बनाया जाना प्रस्तावित है। सीएम ने आपदा में राहत और बचाव के लिए केंद्र सरकार के स्तर से एसडीआरएफ को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने की भी पैरवी की।

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