देहरादून

तो कैटल पाउंड में संचालित होगा कैंट अस्पताल, विरोध भी शुरू

देहरादून। छावनी परिषद गढ़ी क्षेत्र में घूम रहे लावारिस पशुओं को रखने के लिए कैंट बोर्ड ने कैंट कार्यालय के ठीक पीछे एक कैटल पाउंड का निर्माण करवाया है। फिलहाल ये पाउंड खंडहर में तब्दील है। करीब दो साल से इसमें ताला लटका हुआ है। परिसर में बड़ी बड़ी झाड़ियां उग आई है। इस दुर्दशा को जन केसरी न्यूज पोर्टल ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। अब जाकर कैंट बोर्ड ने इसकी सुध ली है। कैटल पाउंड परिसर की झाडि़यां काटने के साथ ही सफाई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस परिसर में कैंट बोर्ड अस्पताल को संचालित किया जाएगा। वर्तमान में कैंट अस्पताल के कर्मचारियों की स्थिति न घर का न घाट का बनी हुई है।
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के बाद कैंट अस्पताल खूद अपने ही मकड़जाल में फंसा हुआ है। अस्पताल को एक निजी कंपनी को दे दिया गया है। ऐसे में कैंट अस्पताल के स्थाई कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे निजी कंपनी के अंडर में काम नहीं करेंगे। इस समस्या का समाधान निकालने का कैंट बोर्ड हर संभव प्रयास कर रहा है। इन कर्मचारियों को पहले स्वाभिमान केंद्र में शिफ्ट किया गया ताकि वे यहीं से ओपीडी संचालित कर सकें। लेकिन स्वाभिमान केंद्र के बुजुर्गों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे में अब कैटल पाउंड में अस्पताल को शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है।
लावारिस पशुओं का क्या होगा
लावारिस पशुओं के लिए ही कैटल पाउंड का निर्माण कराया गया है। लेकिन अब इस परिसर को अस्पताल के रूप में तब्दील करने की बात चल रही है। ऐसे में लावारिस पशुओं के लिए कैंट बोर्ड प्रशासन क्या और कहां व्यवस्था करेगा ये देखना होगा। क्योंकि हाल ही में कैंट बोर्ड की लापरवाही से दो पशुओं की मौत हो गई थी। इस प्रकरण को डीएम ने संज्ञान लेते हुए कैंट बोर्ड से रिपोर्ट भी तलब की है।

कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ने भी जताई थी नाराजगी
अस्पताल को स्वाभिमान केंद्र में शिफ्ट करने पर बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता ने भी नाराजगी दर्ज की थी। उन्होंने कहा था कि स्वाभिमान केंद्र से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएग। यह केंद्र बुजुर्गों के लिए है। बुजुर्गों को और सुविधा दी जाएगी। जबकि कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने अध्यक्ष को गुमराह करते हुए अस्पताल को शिफ्ट किया था। अब सीईओ बैकफुट पर आ गए हैं।

 

बातचीत
अस्पताल को कहां शिफ्ट किया जा रहा है ये कोई मुद्दा नहीं है। क्योंकि कैंट बोर्ड ने खूद ही अपने पैरों पर अस्पताल को निजी हाथों में देकर कुल्हाड़ी मारी है। कैटल पाउंड लावारिस पशुओं के लिए है। उसका संचालन बहुत आवश्यक है। क्योंकि आये दिन पशुओं की मौत हो रही है। कुनाण ग्रोवर, फर्र एंड फुल्फ फाउंडेशन

कैटल पाउंड में अस्पताल शिफ्ट करने की अगर कैंट बोर्ड तैयारी कर रहा है तो ये सरासर गलत है। वहां जाने के लिए ठीक से रास्ता तक नहीं है। कैटल पाउंड लावारिस पशुओं के लिए बनाया गया है तो उसमें लावारिस पशुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। विष्णु गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष कैंट बोर्ड

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